इस्लाम कभी नफरत की इजाजत नहीं देता!
///जगत दर्शन न्यूज
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: शिक्षा और संस्कार मनुष्य के सफल जीवन का मुख्य आधार है तथा इस्लाम धर्म में शिक्षा का सर्वाधिक महत्व है। यह बातें मौलाना नेसार अहमद मिस्वाही ने शनिवार की रात माँझी नगर पंचायत क्षेत्र के माली टोला के समीप आयोजित हजरत जलाल शाह रहमतुल्ला अलैह के सालाना उर्से पाक को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि बच्चों की पहली स्कूल मां की गोद होती है। संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी है। बशर्ते कि शिक्षा धार्मिक व सांस्कारिक दोनों समान रूप से होनी चाहिए। तभी जीवन में सुख, शांति और वैभव प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हजरत अली ने जमीन अथवा आकाश के संबंध में जितनी भी भविष्यवाणी की, उसकी पुष्टि आज विज्ञान के माध्यम से हो रही है। उन्होंने कहा कि इस्लाम कभी नफरत की इजाजत नहीं देता। मजबूर व बेसहारा लोगों को मदद पहुंचाना ही इस्लाम है, लेकिन वर्तमान सामाजिक वातावरण स्वार्थ पर आधारित हो चला है, जिसकी वजह से न जाने कितनी हमारी बेटियां आत्महत्या करने पर मजबूर हो जा रही हैं। धर्म चाहे कोई भी हो तिलक दहेज की आग में बेटियां झोंकी जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ गरीबी के मार से बेटियों के हाथ में मेहंदी नहीं लग पा रही है। उनके हाथ पीले होने का अरमान धरा के धरा रह जा रहा है। बेटियों की उम्र ढलती चली जा रही है। बावजूद इसके दहेज के लोभी लोग अपना मुंह बाए खड़ा हैं। बेचारे बूढ़े बाप बेटी के हाथ पीले करने के लिए मंदिर, मस्जिद गांव-गांव में घूम कर चंदा मांगते फिर रहे हैं ताकि उनकी बेटी के हाथ पीले हो सके। उन्होंने उपस्थित लोगों से इस दहेज रूपी दानव से बचने की अपील की।
इधर उर्स के मौके पर हजरत जलाल शाह के मजार को खूब सजाया संवारा गया था, जहां शाम से ही बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुषों की भीड़ जुटने लगी थी। स्थानीय प्रशासन द्वारा समारोह स्थल पर महिला व पुरुष पुलिस बल को तैनात किया गया था, जबकि थानाध्यक्ष अमित कुमार राम दलबल के साथ गश्त लगाते नजर आए। संस्था द्वारा आए उल्लेमाओं एवं नातखां को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। नबी के नात में लोग रात भर गोते लगाते रहे। मौके पर मौलाना मुफ्ती सुल्तान राजा, शहर इस्लाम, महबूब गौहर, मौलाना समसुद्दीन, बिलाल रजा, हाफिज अमीरुद्दीन, मजहर हुसैन, रफी अहमद तथा पूर्व मुखिया अख्तर अली सहित सैकड़ो महिला व पुरुष श्रोता मौजूद थे।