हर्षोल्लास के साथ महिलाओं ने मनाया पाप मोचनी एकादशी पर्व!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: माँझी के प्रसिद्ध राम घाट पर शनिवार को पवित्र सरयु नदी में पाप मोचनी एकादशी के पारण के अवसर पर आयोजित चैत्रवर्णी पर्व का स्नान करने सैकड़ों की संख्या में पहुँची व्रती महिलाओं ने गोबर के उपले पर लिट्टी चोखा बनाकर ग्रहण किया। पूछे जाने पर स्नान करने पहुँची महिलाओं ने बताया कि भगवान श्री राम के अवतरण के पूर्व अयोध्या में इस पर्व की शुरुआत की गई थी। उक्त पर्व में एकादशी के पारण की तिथि को सरयु नदी में स्नान के बाद घाट पर लिट्टी चोखा बनाकर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करने की परंपरा रही है। स्थानीय मौनिया बाबा मंदिर के पुजारी संत राम दास उदासीन महाराज ने बताया कि भक्त शबरी के श्राप से लाल हुई नदी को भगवान श्री राम के चरण स्पर्श से मुक्ति मिली थी और नदी पुनः अविरल बहने लगी थी अतः चैत्रवर्णी पर्व को पाप नाशिनी अथवा पाप मोचनी भी कहा जाता है। यह पर्व प्रत्येक 50 वर्ष बाद मनाने की परंपरा रही है। उन्होंने बताया कि काल कर्मानुसार अबकी बार 35 वर्षों बाद ही यह महासंयोग बना है। अलग अलग गाँवों से ताल्लुक रखने वाली तथा अलग अलग वाहनों पर भगवान का भजन कीर्तन करते माँझी के राम घाट पर स्नान करने पहुँची महिलाओं में ज्यादातर यूपी के बलिया जिले से की रहने वाली बताई जाती हैं। स्नान को लेकर माँझी चट्टी से रामघाट तक चहल पहल देखी गई। स्नानार्थियों की सुरक्षा एवम साफ सफाई को लेकर माँझी नगर पँचायत के कर्मी मुस्तैद रहे।