संविधान सबको समानता व अभिव्यक्ति की आजादी देता है।- विधायक डॉ सत्येंद्र यादव
सारण (बिहार) संवाददाता संजय पाण्डेय: जुल्म करने वाले लोग किसी एक जाति में नही सभी जातियों में है। वे किसी जाति के नही बल्कि जुल्म के खिलाफ थे। उक्त बातें मांझी विधायक डॉ सत्येंद्र यादव ने बरेजा प्राथमिक विद्यालय में आयोजित बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की 133 वीं जयंती समारोह में अपने संबोधन के दौरान कही। विधायक डॉ यादव ने कहा संविधान से हमे जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। शिक्षित बनो, संगठित बनो और संघर्ष करो। शिक्षित बनने का मतलब जुल्म के सामने झुकना नही बल्कि सामने हो रहे भेदभाव, उत्पीड़न व अत्याचार के खिलाफ लड़ना और समाजवाद की स्थापना करना है। बाबा साहब के द्वारा बनाया गया संविधान सबको समानता व अभिव्यक्ति की आजादी देता है। वहीं संविधान आम जनता के अधिकारों व लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करता है। कुछ लोग संविधान बदलने की बात करते हैं। यह मुमकिन नही है। अगर ऐसी कोशिश की गई लोग तख्तोताज बदल देंगे। बाबा साहब की विचाराधारा केवल दलितों, पिछड़ों व वंचितों के लिए हीं नही बल्कि पूरे समाज के कल्याण व मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए है। उनके विचार मानवता की रक्षा करने वाली एक फिलॉसपी है। डॉ आंबेडकर ने कभी जाति की बात नही की बल्कि समाज व राष्ट्र का उत्थान कैसे होगा, इसकी बात की। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन कमलेश कुमार ने किया। इस मौके पर मुखिया राजेश पाण्डेय, समाजसेवी रंजन यादव, तरुण महतो, धुरेन्द्र राम, हरेंद्र बैठा, राजेश कुमार, अरुण तिवारी, बटेसर कुशवाहा, सुरेध पडित, अंगद मिश्रा, दीपक कुमार, दीपू मांझी, उपेंद्र राम बिट्टू मांझी, जितेंद्र महतो समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।