प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
जीएनएम स्कूल के सभागार में सिविल सर्जन की अध्यक्षता प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन!
गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने के उद्देश्य से एमओआईसी, एचएम और बीएचएम को किया गया प्रशिक्षित!
सारण (बिहार): प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित 9 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने पीएमएसएमए कार्यक्रम से संबंधित सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कही। इस अवसर पर सीएस डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीआईओ डॉ चंदेश्वर सिंह, डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के संजय कुमार और सिफ़ार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित जिले के सभी एमओआईसी, एचएम और बीएचएम के अलावा कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
जटिलताओं की रोकथाम, उसका शीघ्र और प्रभावी उपचार मातृ देखभाल के लिए अतिआवश्यक: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व गर्भधारण से पहले ही उचित पोषण और स्वस्थ जीवनशैली के साथ शुरू हो जाता है। जिस कारण गर्भावस्था, उचित प्रसव पूर्व देखभाल, जब भी संभव हो जटिलताओं की रोकथाम और जटिलताओं का शीघ्र और प्रभावी उपचार मातृ देखभाल के लिए आवश्यक हैं। हालांकि सुरक्षित मातृत्व के छह स्तंभों में मुख्य रूप से परिवार नियोजन, प्रसव पूर्व देखभाल, प्रसूति देखभाल, प्रसवोत्तर देखभाल और एसटीआई/एचआईवी/एड्स का नियंत्रण शामिल हैं।
गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने के उद्देश्य से एमओआईसी, एचएम और बीएचएम को किया गया प्रशिक्षित: डीपीसी
जिला योजना समन्वयक रमेश चंद्र कुमार ने जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडलीय और रेफरल अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक और प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर प्रशिक्षित किया गया है। क्योंकि स्वास्थ्य संस्थानों की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि गर्भवती महिलाओं को उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं आने वाले बच्चे के लिए अच्छे स्वस्थ्य भविष्य की परिकल्पना को साकार किया जा सके। क्योंकि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की शत प्रतिशत जांच सुनिश्चित किया जाता है।