आठवे दिन किसानों के अनशन स्थल पर अधिकारियों का रहा मनमाना रवैया!
/// जगत दर्शन न्यूज
देवरिया (उत्तरप्रदेश): देवरिया जिले के ग्राम सभा पिपरा विट्ठल तहसील भाटपार रानी के किसानों ने लगाया अधिकारियों पर आरोप! किसानों के अनुसार "हम सब तभी से लगातार विरोध दर्ज कराते रहें हैं। आज आठवे दिन भाटपार रानी एसडीएम और चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी फोर्स के साथ अनशन स्थल पर आए और किसानों के साथ जोर जबरदस्ती कर टेन्ट हटवा दिए और कानून का पाठ पढ़ाने लगे। जबकि कहीं भी इस तरह कानून या नियम नही है। यह बताने लगे कि ग्राम प्रधान और सदस्य चाहेंगे तो चकबंदी होगा और नहीं चाहेंगे तो नहीं होगा। आम जनता मतलब कुछ नहीं होता है। दिनांक 26 -2- 2024 से हमारा कर्मीक भुख हड़ताल पर सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक जारी रहता था। इसी बीच चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी पवन पांडे जी भाटपार रानी एसडीएम भटनी फोर्स के साथ आए और हम लोगों को धमकाते हुए जबरिया अनशन खत्म करवा दिए। जहां तक हम सभी किसान जानते हैं कि अगर गांव की 70% जनता नहीं चाहती है तो चकबंदी नहीं होना चाहिए। लेकिन हम लोगों से जबरदस्ती करके हमारा टेंट और अंशन खत्म करा दिया गया। हम लोगों का मांग था एक बार फिर खुली बैठक कराया जाए और तब तक काम को रोका जाए। लेकिन हमलोग अपना बात कहते रह गए अधिकारी एक ना सुने। हम सभी किसानों का बात एक नहीं सुनी गई। इसकी शिकायत प्रतिनिधि मंडल देवरिया जिलाअधिकारी और माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर अपनी बात रखेगे और चकबंदी प्रक्रिया नहीं रोका जाता है तो फिर हम लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। आज दिनांक 4 -3 -2024 को श्री शिवनाथ यादव जी क्रमिक भूख अनशन पर बैठे थे। अध्यक्षता पवन कुमार यादव सदस्य क्षेत्र पंचायत भटनी कर रहे हैं।"
इस दौरान आशीष सिंह विसेन ने कहा कि चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी पवन पांडे जी ने किसानों को गुमराह किया और कहे की ग्राम प्रधान और सदस्य चाहेंगे तो चकबंदी होगा और नहीं चाहेंगे तो नहीं होगा और गांव के आम जनता मतलब कुछ नहीं होता है। वहीं पवन यादव ने कहा कि अगर हम लोग की बात नहीं मानी जाती है तो हम लोग फिर से आंदोलन करने के लिए मजबुर होंगे।
इस दौरान मानिकचंद यादव, आदर्श गिरी, विंध्याचल यादव, स्वामीनाथ यादव, बृजकिशोर यादव, अनिल यादव, वीरेंद्र सिंह, सुनील यादव, छठठू यादव, दीप नारायण कुशवाहा, बैजनाथ यादव, लाल बाबू यादव, सुग्रीव कुशवाहा, योगेंद्र प्रसाद, रामनरेश यादव, अवधेश यादव, आशीष सिंह, विसेन (रिडडू बाबू ), विजयपाल सिंह, सुरेश प्रसाद आदि सहित दर्जनों लोग सम्मिलित रहे।