"मित्रवत और प्रेम से खेले होली! इस पर्व पर हम सबके अंदर एक दूसरे के अंदर प्रेम के फूल खिलते रहे। जगत दर्शन न्यूज और जगत दर्शन साहित्य की ओर से होली के पावन पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!" किरण बरेली (वरिष्ठ सलाहकार, जगत दर्शन न्यूज)
घुलने लगा फागुन साँसों में!
✍️ किरण बरेली
रंग, रंगीली होली आ गई
आए वो अब भी नहीं
मौसम के हाथों भिजवा दिया
रंग गुलाबी लाल गुलाल।
पलकों की दहलीज़ पर
आ बैठे शरारती से
लाखों लाख सवाल।
तुम बिन कैसे रंगने दूं
तन मन अपना
मन में हो रहा है मलाल।
तेरा आना ही उत्सव जैसा है
इन रंगो की मुझे नहीं दरकार।
पिछली होली तेरी नजदीकियों ने
रंग प्यार के बरसाए थे
उन यादों से मन हुआ बेहाल।