उखाड़ ले गए ग्रामीण, 18 किलोमीटर लम्बा ट्रैक व शिलापट्ट!
रेलवे स्टेशन भवनों व क्वार्टरो पर अनाधिकृतों का कब्जा!
बैरिया (बलिया) संवाददाता वीरेश सिंह: किश्तों में थोड़ा थोड़ा करके ग्रामीण उठा ले गए 18 किलोमीटर लंबाई में बिछा रेलवे ट्रैक, स्टेशन भवनों व रेलवे के क्वार्टरो को अनाधिकृत लोगों ने बना लिया है बसेरा। रेलवे के जिम्मेवार अधिकारी सबकुछ जानकर अंजान बने हुए है।
जी, हां! हम बात कर रहे है पुराने रेलवे स्टेशन बकुल्हा से पुराने सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन होते हुए दलछपरा तक बिछाई गई मीटर गेज का रेलवे ट्रैक व पुराने सुरेमनपुर व बकुल्हा रेलवे स्टेशन पर बने स्टेशन भवन व रेलवे क्वार्टरो का। यह रेलवे लाइन 1953- 54 में सरयू नदी के कटान से सुरेमनपुर के पास कट गया था। तब रेल यातायात चालू करने के लिए इस रेलवे लाइन से एक किलोमीटर दक्षिण नई रेल लाइन पूर्वोत्तर रेलवे ने बना लिया था। नया सुरेमनपुर व नया बकुल्हा रेलवे स्टेशन भी बनाया गया। तब से पुराना रेल लाइन व पुराना रेलवे स्टेशन भवनों के साथ साथ रेलवे क्वार्टर को पूर्वोत्तर रेलवे ने लावारिस छोड़ दिया। इस रेलवे लाइन पर बिछी 18 किलोमीटर लंबा ट्रैक व काठ का शिलापट्ट धीरे धीरे ग्रामीण उखाड़ ले गए। रेलवे के क्वार्टर व स्टेशन भवनों को अनाधिकृत लोगों ने अपना बसेरा बना लिया है। इस संदर्भ में स्थानीय रेलवे के अधिकारियों को सबकुछ पता है किंतु अंजान बने हुए हैं। वही बकुल्हा के ग्रामीणों ने बताया कि कतिपय रेल अधिकारी व ठेकेदार ने मिलकर लाखो रुपये मूल्य के लोहे ट्रैक व लकड़ी के शिलापट्ट बेच दिए है ग्रामीण रेलवे का एक नट वोल्ट भी नही ले गए। जांच कराने पर सच्चाई सामने आ जायेगी।
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बिना ट्रैक के रेल मार्ग! |
"प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जायेगी जांचोपरांत दोषी पाये जाने पर जिम्मेवारो पर कार्यवाई कराई जाएगी।" अशोक कुमार (जनसंपर्क अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी)