फर्जीवाड़ा कर दो दो विद्यालय में बन गए शिक्षक! जाँच में पकड़े गए नटवरलाल!
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सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: माँझी के ड्यूमाइगढ निवासी एक शिक्षक ने अपनी जन्म तिथि में जालसाजी करके शिक्षा विभाग की आँख में धूल झोंककर सरकारी शिक्षक बन बैठा है। आश्चर्य इस बात का है कि 55 वर्षीय यह शिक्षक पहले पँचायत भी था और अब 38 वर्ष का नौजवान बनकर जलालपुर के एक उर्दू विद्यालय में प्रखण्ड शिक्षक के पद पर अपने कर्तब्य का निर्वहन कर रहा है। यह खुलासा आरटीआई के माध्यम से गरया टोला निवासी कमल चौधरी ने किया है। दो दो जन्म तिथि को आधार बनाकर दो जगह बहाल होने वाले नटवरलाल ने कन्या प्राथमिक विद्यालय ड्यूमाइगढ में योगदान करते वक्त अपनी जन्मतिथि तीन अगस्त 1986 बताया है तथा उसके समर्थन में कागजात भी जमा किये हैं। जबकि लालमोहर चौधरी नामक यह शख्स जलालपुर प्रखण्ड के प्राथमिक उर्दू विद्यालय में प्रखण्ड शिक्षक के पद पर बीपीएससी के माध्यम से बहाल होने में भी सफल रहे। अपनी उम्र 38 वर्ष बताने वाले शिक्षक ने वर्ष 1988 में उच्च विद्यालय ताजपुर से मैट्रिक की परीक्षा महज दो वर्ष की उम्र में ही पास कर ली और शिक्षा विभाग भी इसे स्वीकार कर लिया। उक्त शिक्षक की दोनों जन्मतिथि में 15 वर्ष छह महीने और 22 दिन का अंतर है।
आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज को आधार बनाकर कमल चौधरी समेत दर्जन भर ग्रामीणों ने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों को ज्ञापन भेजकर नटवरलाल बने शिक्षक के कागजातों की जांचकर दोषियों को को दंडित करने एवम जालसाज शिक्षक को बर्खास्त करने की मांग की है।