नागपुर में माँ कही जाने वाली प्रभा राकेश भैया का हुआ साक्षात्कार दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय में
उम्र तो सिर्फ एक संख्या है। इस वाक्य को परिपूर्ण करने वाली हमारी आज की मेहमान स्वयं आयु के अंतिम पड़ाव पर भी प्रेरणा की प्रतिमूर्ति हैं। इनका सम्पूर्ण जीवन प्रेरणा से ओतप्रोत रहा। इन्हें देखकर इनसे मिलकर दिव्यालय यही कहता है कि यदि आपका संकल्प दृढ है तो उम्र का लिहाज छोड़िये बस कर जाइये। तो चलिए मिलते हैं आज कि मेहमान आदरणीया प्रभा जी से और सुनते हैं 4 वर्ष कि उम्र में कुए में तैराकी से 69 वर्ष कि उम्र में तैराकी स्पर्धा में जीते स्वर्ण पदक तक कि कहानी सुन उन्हीं की जुबानी।
प्र.1. आप कहाँ से हैं? आपने स्वीमिंग कब सीखा?
उत्तर- जी मैं नागपुर से हूँ। मेरी शिक्षा- दीक्षा भी यही से हुई। जब मैं 4 साल की थी, तभी मैंने स्वीमिंग सीखा और अपने कई साथियों को भी सिखाया। फिर शादी के बाद मैंने अपने बच्चों को और फिर उनके बच्चों को भी सिखाया। साथ ही उनके साथ ही एक बार मैं पुनः जी उठी और निकल पड़ी नए वितान को गुनने।
प्रश्न-2. आपने कौन से वर्ष में गोल्ड मेडल जीता?
उत्तर- जी मैंने 2020 में और अभी छ महीने पहले 2023 में गोल्ड मैडल जीता है।
प्रश्न- 3 .आपने रंगोली में क्या अनूठे प्रयोग किए हैं? आप प्याऊ लगाती हैं तो उसका विचार क्यूँ आया?
उत्तर- जी। वैसे तो मैंने बहुत सी पेंटिंग बनायी जो विदेशों में भी काफी पसंद किए गए। कई जगह कुकिंग, सेल्फ डिफेंस एवं बच्चों को पढा़ने के लिए भी क्लासेस चलाए और चलाती भी हूँ। एक बार मैं कही से आ रही थी। मेरे घर के रास्ते में दूर तक कही कोई घर या नल वगैरह नहीं था और प्यास के मारे मेरा बुरा हाल था। उस समय राह में किसी बेंच के नीचे एक छोटा सा मटका पड़ा मिला, जिस में चुल्लू भर पानी था। मैंने यह नहीं सोचा कि ये गंदा पानी हो सकता है या किसी जानवर का जूठा भी हो सकता है। बस पी कर तृप्त हुई और आगे बढ़ गई। बस उसी के बाद मैंने प्याऊ लगाना शुरू कर दिया। रंगोली में मैंने एक अनूठा प्रयोग किया। वो ये कि मैंने पानी में भी रंगोली बनाई जो की काफी लोकप्रिय हो रहा है।
प्रश्न-4 दैनिक भास्कर द्वारा आपको स्पेशल वुमन अवार्ड की कहानी भी सुनना चाहते हैं?
उत्तर- जी मुझे दैनिक भास्कर द्वारा स्माइलिंग फेस के लिए स्पेशल वुमन अवार्ड दिया गया।
प्रश्न-5- आपने हैदराबाद, कोल्हापुर और दुबई में कौन से खेलों में स्वर्ण एवं रजत पदक जीते?
उत्तर- जी मैंने हैदराबाद, कोल्हापुर और दुबई में स्वीमिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण एवं रजत पदक जीते। ये सब मेरे बेटे और पति एवं बहु और बच्चों के सहयोग से हुआ है। जैसे हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है, ठीक वैसे ही मैं कह सकती हूँ कि इस सफल औरत के पीछे पुरुष का पूर्ण सहयोग है। मैं स्वयं को फिट रखने के लिए योग, जाॅगिंग, वाॅकिंग करती हूँ, ठीक उसी तरह अब स्वीमिंग मैं खुद पर इतना काबू हो गया है, कि मैं बहुत आसानी से योग क्रिया कर लेती हूँ।
प्रश्न 6- आप आज के युवा पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहतीं हैं?
उत्तर- आज के इस आधुनिक युग के युवाओं से यही कहना चाहती हूँ कि जो खानों वो कर डालों, जीत का जज्बा हो तो मंजिल मिल कर ही रहती है। अपने देश, समाज और अपने माता- पिता को गौरवान्वित करें।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या' और पटल अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक मंजिरी "निधि" 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस तरह साक्षात्कार के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम नये नये प्रतिष्ठित व्यक्ति से परिचित हो सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है।