मंतव्य
बिहार: यातायात संकट और त्रस्त जनजीवन
लखीसराय का बड़हिया बाजार और जीवन का सुख चैन!
✍️राजीव कुमार झा
लखीसराय (बिहार): राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी क्या मुझे बता सकते हैं कि किसी शहर के बिल्कुल बीच से गुजरने वाली सड़क को कैसे राजमार्ग घोषित किया जा सकता है? बड़हिया बाजार की सड़क स्थानीय आवाजाही के लिए बनाई गयी थी और बाद में मुंगेर पटना के लिए ब्रिटिश शासन के दौरान जो सड़क बनी उसे इससे जोड़ दिया गया और तब से यही क्रम चल रहा है। अब कहां जा रहा है कि बख्तियारपुर से आने वाला नया राष्ट्रीय राजमार्ग बड़हिया के एन एच 80 से जुड़ेगा। इस संदर्भ में यह सवाल उठता है कि यह कब बनकर तैयार होगा। बड़हिया में रोज सड़क दुर्घटना हो रही है। रेलगाड़ियों की तादाद कम होने से लखीसराय के लिए आटो ट्रैकर टोटो बाइक पर लोगों की निर्भरता बढ़ गयी है। यह सब सड़क दुर्घटना का कारण बन गया है। बड़े शहरों के बीच चलने वाले व्यापारिक वाहन भी खूब चलते दिखाई देते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कम से कम बड़हिया बाजार को बख्श दे क्योंकि यह रंगदारों के आधिपत्य का पुराना बाजार रहा है। शाम में कभी काफी लोग यहां घूमने फिरने बैठकबाजी के लिए आते थे लेकिन बाजार की सड़क और इसके फुटपाथ पर वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही से लोग यहां नहीं आते हैं। हलवाई सब भी अब जलेबी समोसा बनाना पसंद करते हैं और गुपचुप बेचते हैं।
नगर उद्यान योजना के क्रियान्वयन में उदासीनता।
नगर परिषद बड़हिया: जागिंग ट्रैक के निर्माण की जरूरत
बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया नगर परिषद के द्वारा अभी तक प्रातः काल भ्रमण के प्रेमी जनों के लिए पार्क या यहां के तालाब सरोवर के चारों और जांगिंग ट्रैक का निर्माण नहीं किया गया है। बड़हिया के ज्यादातर जमींदार पटना में रहते हैं और राजेन्द्र नगर के अलावा कंकड़बाग और श्रीकृष्णापुरी के पार्कों में प्रात भ्रमण का आनंद लेते हैं। इंदुपुर नगरपरिषद बड़हिया में है और यहां डायबिटीज से त्रस्त स्त्री -पुरुष एन एच 80 के किनारे या रेलवे स्टेशन पर जाकर भ्रमण करते हैं यहां किसी भी दिन दुर्घटना हो सकती है। बड़हिया के नगर परिषद के लोगों का कोई ध्यान इस तरफ नहीं है और यहां नगर विकास विभाग के द्वारा शहरों के लिए उद्यान पार्क के विकास की योजना पर भी ध्यान नहीं दिया गया है। शहर के बीच से श्रीकृष्ण चौक होते पटना जाने वाली सड़क से कलक्टर कमिश्नर विधायक सांसद सबकी गाड़ियां गुजरती हैं लेकिन इस पुरानी सड़क पर भीड़भाड़ की समस्या को देखते हुए नयी सड़क के निर्माण की चिंता किसी को नहीं है। बस सबको किसी तरह इस शहर को पार कर जाना रहता है। बड़हिया में पहले इंदुपुर के नर नारी +2 हाई स्कूल के मैदान में जाकर प्रातः भ्रमण कर लिया करते थे लेकिन दारोगा सिपाही की बहाली में जाने वाले लोगों के यहां जुटने के अंदेशे में शायद गेट पर ताला लगा दिया गया है। यह नवोदय विद्यालय के समय शुरू हुआ था। इस विद्यालय को सोचना चाहिए कि प्रात भ्रमण और धावन के लिए यहां मैदान में जुटने वाले लोगों में इस विद्यालय के पूर्व छात्र भी होते हैं। रेलवे स्टेशन पर इंदुपुर की लड़कियों को भी एक्सरसाइज करते देखा जाता है और इन्हें रेलवे थाना के सिपाही चाह करके भी मना नहीं कर पाते हैं। रेलवे थाना के लोग बेरोजगारी में नौकरी के प्रयास में लड़कियों के लिए बाधक नहीं बनना चाहते हैं। बड़हिया में नगर परिषद ने गंगा पथ का निर्माण करवाया है और वहां के नर नारी उस पर प्रात भ्रमण करते हैं लेकिन इंदुपुर के नर नारी एन एच 80 के किनारे सुबह में घूमते हैं। डायबिटीज के कारण हाल में मरने वाले कुछ लोगों की खबर से यहां भय पसरता जा रहा है लेकिन जांगिंग ट्रैक के निर्माण को लेकर नगर परिषद में उदासीनता है।