गाँधी के सपनों का हिन्दुस्तान बनाए!
ओ भारत के वीर प्रहरी सुनों
अपनी पावन धरा में कर्म चुनो
लक्ष्य अटल पर्वत सा हो
तुम सभी अर्जुन जैसा बनो।।
कर्मवीर कर्मठ पीढ़ी
नवभारत की नवयुग की
नयी-नयी कोशिशे होती रहे
नीड़ के निर्माण की।।
कहर आँधियो का राहों में
तुम्हें मिलता ही रहेगा
थकना नहीं लम्बी उड़ान में
कारवाँ हौसलों से चलता रहेगा।।
वीरांगना बेटियाँ भी कम नहीं
व्योम में परचम लहरा रही हैं
मन उनका कोमल बाहें मजबूत
जुल्म के खिलाफ खंजर उठा रही हैं।।
भारत के नवयुवा साथियों
आओ मिल भारत की तकदीर बनाएं
नयी तरकीबो से इतिहास रचे
गाँधी के सपनों का हिन्दुस्तान बनाए।।
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