बुनियादी विद्यालय में मात्र दो कमरे मे 8 वीं तक पढ़ाई करते हैं छात्र!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: मशरक प्रखंड के सरकारी विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था किस कदर बदहाल है उसकी एक बयानगी मशरक के सरकारी विद्यालय में देखने को मिल रहा है।यह हाल बंगरा पंचायत के हंसापीर गांव के राजकीय बुनियादी विद्यालय का है।जहां दो कमरे में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के छात्र/छात्राऐ बैठ कर पठन पाठन करते हैं । दो कमरे में बैठे बच्चे कैसे पढ़ते होंगे, यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है? इस विद्यालय में तकरीबन 239 बच्चों का नामांकन हैं, जिसमें करीब 150 बच्चे रोजाना विद्यालय आते है। विद्यालय आने के बाद सभी वर्ग के बच्चे दो ही कमरे में बैठ जाते हैं । इस विद्यालय में दो और कमरे बने हुए हैं,लेकिन वह जर्जर स्थिति में है और ऊपर छत ही नहीं है । लिहाजा सभी कक्षा के छात्र-छात्राएं दो ही कमरे में बैठकर अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं. क्लास रूम में छात्रों की ज्यादा उपस्थिति होने पर पर विद्यालय परिसर मे खुले आसमान का सहारा लिया जाता है । जबकि खुले आसमान के नीचे सूखे पेड़ की छांव में कक्षाएं संचालित होती है जो कि जान जोखिम मे डालकर बच्चे को बैठाया जाता है। ज्यादा बच्चे आने पर विद्यालय परिसर में सूखे पेड़ बनते है बच्चों के लिए कमरे ।वही सातवी कक्षा की छात्रा ममता कुमारी ने बताया हैं कि कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चे दो ही कमरे में बैठते हैं. जिस कारण पढ़ाई में परेशानी होती है।उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि हर वर्ग के लिए अलग क्लास रूम बनाया जाए. इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों को बैठने में काफी परेशानी होती है। दो ही कमरे में सारे बच्चे बैठते हैं। बच्चे जब ज्यादा आते हैं तो पहली से पांचवी क्लास के बच्चों को खुले आसमान के नीचे बाहर सूखे पेड़ के नीचे पढ़ाई करवाई जाती है। वही वर्ग 6 से 8 तक के बच्चों को इसी दो कमरे में पढ़ाया जाता है। पुराने भवन में दो कमरे हैं लेकिन इसकी दिवार जर्जर स्थिति में हैं और ऊपर छत भी नहीं हुआ है, जिस कारण वहां बच्चों को नहीं बैठने दिया जाता। जहां विकास के नाम पर सरकार हम भर रही है।