योग मनोवैज्ञानिक से जानें अपने स्वाथ्य का हाल आज दिव्यालय एक व्यक्तित्व पहचान में " होस्ट किशोर जैन के साथ अतिथि अमृता योग मनोवैज्ञानिक!
हमारा शरीर पंच तत्व से निर्मित है, इसके स्वस्थ विकास के लिए हमें निरंतर योग, ध्यान एवं प्रकृतिक चिकित्सा लेते रहना चाहिए। आजकल के व्यस्त दिनचर्या में हम भूल जाते हैं कि हमें समय- समय पर मनोचिकित्सक या योग मनोवैज्ञानिक से भी संपर्क करना चाहिए। कभी- कभी हमारी लापरवाही हमारे लिए घातक हो जाती है। आज के इस विशेष कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे हमें सही समय पर सही मार्गदर्शक मिलेंगे और हम अपने आप एवं अपनों को निरोग रख सकेंगे।
हमारी आज की अतिथि अमृता जी से एक मुलाकात!
प्रश्न- अमृता योग मनोवैज्ञानिक, नाम तो बहुत सुने हैं ज्ञान पर रह कैसा नाम है? क्या आप इस नाम का स्पष्टीकरण कर हमें बता सकतीं हैं?
उत्तर- जी, अमृता योग मनोवैज्ञानिक यह अपने आप में विशिष्ट है। आजकल के आबोहवा को देखते हुए योग पद्धति से किया गया उपचार ही कामयाब हो रहा है। जैसा कि हम सब जानते हैं, हमारा भारत सत्य सनातन है। यही से हमारे ऋषि मुनियों द्वारा योग साधना की शुरुआत हुई और आज हम विश्व पटल पर भी योग गुरु के रुप में नेतृत्व कर रहे हैं। किसी भी इलाज को करने के लिए सबसे पहले मरीज के मन को जानने की आवश्यकता होती है और योगी विज्ञान इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ईश्वर की कृपा है मुझपर जो मैं इससे जुड़ी हूँ। बस यही मेरी पहचान है, अमृता योग मनोवैज्ञानिक।
प्रश्न- आप कहाँ से हैं? शिक्षा- दीक्षा कहाँ से हुई?
उत्तर- जी वैसे तो हम रहने वाले कुशीनगर के हैं, पर मेरा जन्म और शिक्षा- दीक्षा कानपुर से हुई और आज यही मेरी कर्मभूमि बनी हुई है।
प्रश्न- जैसा की आप बता रही हैं योग मनोवैज्ञानिक हैं तो क्या यह हमारे सभी रोग के निवारण का उपाय हो सकता है?
उत्तर- जी बिलकुल जब एक सैनिक सरहद पर युद्ध के लिए जाता है, तो उस समय उसका सबसे बड़ा हथियार होता है, उसकी दृढ़ संकल्पित इच्छा शक्ति जो मौत के डर को फटकने नहीं देता और जीत के लिए उकसाता है। ठीक वैसे ही योग मनोवैज्ञानिक भी आपके हर रोग का उपाय आपके व्यवहार से निकाल कर आपका मार्गदर्शन करता है।
प्रश्न- हमारे शरीर के रोगों का क्या तत्वों से कुछ लेना- देना है?
उत्तर- जी बिलकुल हमारे शरीर में मौजूद हर एक मर्ज का सीधा संबंध तत्वों से होता है और जिसका सही इलाज योग मनोवैज्ञानिक के पास ही होता है। ऐसे कई मरीज मुझसे जुड़े जिन्हें मार्ग दर्शन कर हमने उन्हें ठीक किया।
प्रश्न- अपनी दिनचर्या में हमें क्या शामिल करना चाहिए स्वस्थ रहने के लिए?
उत्तर- देखिए आज के इस दौर में स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी है। ध्यान, योग सुबह की सैर और शुद्ध सात्विक आहार के साथ- साथ भरपूर नींद।
प्रश्न- अंत में आप आज के युवा पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहतीं हैं?
उत्तर- अपने सपनों को उड़ान दे। सनातन धर्म के पद्धति को अपनाते हुए योग, ध्यान, साधना और संयमित दिनचर्या का अनुपालन करें।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या' और पटल अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक मंजिरी "निधि" 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं। या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है।