/// जगत दर्शन न्यूज़
प्रणेता वे जय जवान जय किसान के थे
जब संकट देश में आ पड़े थे
हौसला जवानों, किसानों का बढाने हेतु
नारा उनका बना था एक सेतु
दृढ संकल्प के धनी वो नन्हें लाल हमारे
थे वे भारत के जन जन के प्यारे
बचपन से ही संघर्षों मे बिताये थे दिन
पिता का छाया सिर से काल ने लिया था छिन
कुशाग्र बुद्धि, उच्च विचार थे उनके मन में
देशसेवा,जनसेवा,का अलख जगाये थे जन जन मे
भारत देश को गुलामी के जंजीरों में देखकर
नन्हें लाल ने आजाद कराने संकल्प लिया सोचकर
गांधी जी के साथ आजादी आन्दोलन मे भाग लिया
फलस्वरूप देश को गुलामी से आजाद कराया
वक्त वक्त पर बड़े पदो की भी जिम्मेदारी निभाई
प्रधानमंत्री तक का पद नन्हें लाल ने बखूबी निभाई
बचपन का नन्हें लाल, अब बन गया था प्रधानमंत्री
देश जानने लगा उसे लाल बहादुर शास्त्री
चुन्नू कवि सह समूचा हिन्दुस्तान
नन्हे लाल का नारा पुकारे जय जवान जय किसान।