दाहा नदी के संरक्षण के लिए नदी दर्शन यात्रा सम्पन्न!
लोगों ने लिया सकरात्मक पहल के लिए लिया शपथ!
सारण (बिहार): बाणगंगा (दाहा नदी) की अविरलता बनाए रखने तथा इस क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरण के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दो दिवसीय नदी अध्ययन दर्शन यात्रा दुसरे दिन की यात्रा सिसवन थाना क्षेत्र के बखरी से माँझी प्रखंड क्षेत्र के ताजपुर तक सरयू के घाट तक पुरी की गयी।
राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक श्री बसवराज पाटिल ने वाण गंगा (दाहानदी) अध्ययन /दर्शन यात्रा के क्रम में बताया कि प्रकृति के द्वारा प्रदत अविरल नदी को प्रशासन और मानवीय संवेदनशून्यता के कारण नदी ने दम तोड़ दिया है। शहर और गांव से निकाला गंदा पानी नदियों में छोड़ना चिंता का विषय है। सभी कार्य सरकार नहीं कर सकती है। इसके लिए समाज सत्ता को आगे आना होगा। समाज का काम समाज करे और सरकार का काम सरकार, तब नदी अविरल एवं स्वच्छ बनी रहेगी। नदी के आसपास के रहने वाले को और जागरूक करने की आवश्यकता है, जिससे नदी में कचरा न डालें। नदी को अपने पुराने स्वरूप में लाने के लिए राजसत्ता और समाज सत्ता दोनों मिलकर काम करें। जब तक नदी स्वस्थ नहीं रहेगी तब तक समाज भी स्वस्थ नहीं होगा। नदी की स्वच्छता में ही समाज की स्वच्छता है।
उक्त यात्रा मुबारकपुर (चैनपुर) रामगढ़, बघौना, गौरा, जई छपरा, ताजपुर (फुलवरिया) घाट पर पीके प्रसाद के अध्यक्षता मे जन संवाद हुआ, जिसमें आमलोग ने भी अपना विचार रखा। वहीं सभी ने एक साथ सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि पर्यावरण एवं नदी की सुरक्षा के लिए हम सब मिलकर सकारात्मक प्रयास करेंगे एवं नदी को अविरल बनाएंगे।
उक्त यात्रा में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय संगठन मंत्री गदाधर दास विद्रोही, प्रदेश संयोजक ई. विमल कुमार, राज नारायण प्रसाद, संगठन मंत्री शंभू सिंह, प्रदेश संयोजीका अनीता सिंह, शशिकांत सिंह, जिला संयोजक प्रो. आर. एस. पाण्डेय, कुमार संजय, त्रिलोकी सिंह, तारकेश्वर भारती, मेराज अंसारी, शैलेंद्र वर्मा, निर्मला मिश्रा, नीता देवी, सुनैना सिंह एवं अन्य ने भागीदारी की।
ताजपुर पुल पर स्थानीय लोगो ने पूर्व उप प्रमुख रामकृष्ण सिंह के नेतृत्व में यात्रियों का स्वागत किया, जिसमे मुख्य रूप से समाजसेवी रामजी तिवारी, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर द्विवेदी व पूर्व मुखिया प्रत्याशी एवं प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष हितेंद्र दुबे उर्फ साधु बाबा सहित अन्य स्थानीय नवयुवक प्रबुद्ध व्यक्ति शामिल रहे।