कवि सम्मेलन में मना सावन का हरियाली उत्सव!
श्री महेश जैन ज्योति "दादा" की अध्यक्षता में काव्य पाठ का हुआ आयोजन!
बेतिया (बिहार): दिव्यालय एक साहित्यिक यात्रा के अंतर्गत दिव्यालय पटल पर रविवार को ऑनलाइन मासिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। उक्त कवि सम्मेलन में हरियाला सावन विषय पर हरियाली उत्सव मनाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री महेश जैन "ज्योति दादा" ने किया। वहीं मुख्य अतिथि निशा अतुल्य जी ने दीप प्रज्वलित कर किया तथा रीता लोधा जी द्वारा शँखनाद कर कार्यक्रम की उद्धघोषणा की गई।
सर्वप्रथम सरस्वती वंदना कीर्ति मेहता "कोमल" जी की सुमधुर आवाज में हुई। तत्पश्चात अद्यांशी चौहान एवं सखी अरोड़ा ने शिव आराधना में कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी।
काव्य पाठ में ललिता अग्रवाल, पायल अग्रवाल "छनक", अरुणा अग्रवाल "अनुदिता", ममता अग्रवाल, सुचिता रूँगटा, स्नेहलता स्नेह, मनीषा अग्रवाल प्रज्ञा, सविता वर्मा "उषा", रश्मि मोयदे "दीप्ति ", सुनीता परसाई, पद्माक्षी शुक्ल, प्रो. प्रेम शर्मा व सुंदर कुमारी ने अपनी सुमधर आवाज में विभिन्न विधाओं से पटल पर सावन बरसाया तथा भावपूर्ण सावन की रचनाओं से तन मन भिगो दिया।
इस दौरान पटल गुरु श्री गजेंद्र हरिहरण जी ने 'कोयल तान छेड़ती, पिया मिलन की याद दिलाती' गाकर सबको सराबोर कर दिया। वहीं पटल गुरु श्री नरेंद्र वैष्णव जी संस्था उपाध्यक्ष जी ने सरती छन्द में 'रंग रूप तन साजे गौरी' गाकर मन आल्हादित कर दिया। मुख्य अतिथि निशा अतुल्य जी ने राधा कृष्ण पर काव्य पाठ कर श्रृंगार रस में डुबो दिया। वहीं कार्यक्रम अध्यक्ष ने भी "अब के तो बिछुड़े भाईली, जाने कब मिले जी" अपनी भावपूर्ण रचना से सब को भावुक कर दिया।
अंत में दिव्यालय संस्थापिका आदरणीय व्यंजना आनन्द 'मिथ्या' जी ने सार छंन्द में वियोग श्रृंगार रस में "बूँद बदन पर ज्यों ही टपका, सिहर गया तन मेरा" अत्यंत भाव पूर्ण सुंदर रचना सुमधर आवाज में गाकर सबका मन मोह लिया तथा कहा कि मेरी यह रचना आप सब साधकों की रचना को पढ़कर ही आपके भावों को श्रृंगारित कर रची गई है। इसके साथ ही उन्होंने साधकों का भी उत्साह वर्धन किया। अंत मे उन्होंने सभी अतिथियों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।