हवन करने से वातावरण शुद्धि के साथ आत्मा का भी होता है शुध्दिकरण - महेश बसावतिया
रिपोर्ट: सुरेश सैनी
झुन्झुनू (राजस्थान): चूणा चौक में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर आज पूरे विधी विधान से हवन करवाया गया। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार यज्ञ का व हवन का एक विशेष धार्मिक महत्व होने के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है।
इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश बसावतिया ने बताया कि हवन करने से वातावरण तो शुद्ध होता ही है साथ में स्वच्छ व सुंदर विचारों का संचार होने के साथ ही आत्मा का भी शुध्दिकरण होता है। हमारे ऋषि मुनि यज्ञ व हवन ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव कल्याण के लिए करते थे। किसी भी शुभ कार्य में यदि हवन न हो तो वह पूर्ण रूपेण सम्पन्न नहीं माना जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे शास्त्रों में जिन 16 संस्कारों का उल्लेख किया गया है उनमें से एक संस्कार हवन क्रिया भी है। वेदों मे इसे अग्निहोत्र माना गया है। बसावतिया ने हवन संपन्न होने पर बताया कि इसमें देवताओं का आह्वान इस कामना से किया कि जिले में मानव कल्याण, लोगों के सुख व समृद्धि हो।