छोड़ दो किसी से वफ़ा की आस ऐ दोस्त!
छोड़ दो किसी से वफ़ा की आस ऐ दोस्त , जो रुला सकता है, वो भुला भी सकता है।
बात यहाँ तक ही थम जाए तो भी जायज़ है,
कश्मकश ये है कि वो हमेशा के लिए सुला भी सकता है।
प्यार में कोई जान भी दे सकता है,
ये अहसास दिला भी सकता है।
ख़ैर मर कर तो निवारण हो ही जाएगा, जीते जी वो रोज़ रोज़ ग़म के घूँट पिला भी सकता है।
हर ग़म की इंतहा होती है, कब तक रहेंगी तड़पनें,
एक ना एक दिन तो बंद हो ही जाएँगी दिल की धड़कनें।
अब तक थी आस तो चल रही थी साँस!
सुबह से शाम तक दो टूक देखता रहता था उसकी तस्वीर को।
गर्व था मुझे अपने आप पर,
मन ही मन सोचता था कि
ऐसी सब की तक़दीर हो।
उसकी हमें मंज़ूर थी बेवफ़ाई भी,
लेकिन उसने दी हमें रुसवाई ही।
उसने महज़ एक पल में हमें भुला दिया, हमारी सच्ची प्रीत का उसने ये हमें सिला दिया।
हम बाक़ी की बची ज़िंदगी काट लेते रोते रोते ,इसके लिए हम थे तैय्यार।
लेकिन उसने भुला दिया हमें, ये बात हमें हुई बहुत नागवार।
यक़ीन नहीं होता कि
कोई इंसान एक पल में ही
कैसे बदल लेता है अपना मुखौटा?
हमने तो यही सुना था कि
प्यार है एक सच्चा सौदा।
सोचा नहीं था कि चालबाज़ है वो,
झूठी थीं उसकी क़समें,
झूठे थे उसके वादे।
नहीं मालूम था मुझे कि
क्या थे उसके इरादे?
प्रेम तो एक सार्थकता है,
एक वास्तविकता है, अफ़सोस ये कि
अब मोहब्बत बन चुकी है एक तिजारत।
जज़्बातों और अहसासों को
आप फेंक दो कूड़ेदान में,
बहुत बदलाव आ गया है,
आज के इंसान में!
जिसका बटुआ है भारी,
उसी तरफ़ मुड़ जाती है प्यार की सवारी !
लेकिन यारो,
जो एक बार बेवफ़ाई करे,
उस पर कभी भी ना करना विश्वास,
ऐसी प्रेमिका तो है एक नागिन।
वो सिर्फ़ रसूक की है साथिन!
इश्क़ और मोहब्बत तो हैं,
एक नियामत, एक तोहफ़ा ।
जो एक बार बेवफ़ाई कर सकती है,
वो बार बार दे सकती है धोखा!
सब समझते हैं हम, क्या कहें, क्या लिखें, हमारी मोहब्बत तो थी पवित्र और पाक !
उसका हम से यूँ मुँह मोड़ना,
और हमारी ज़िंदगी हो गयी ख़ाक!
ख़ैर,
अब दोबारा प्यार करने की हम ना करेंगे ज़हमत,
नफ़रत हो गयी है हमें इस हरफ से,
जिसे कहते हैं मोहब्बत।
Just one betrayal and life is not the same ever again !!