श्रीमद् भागवत कथा में विश्व का सबसे महान चरित्र गरीब ब्राह्मण और भगवान श्री कृष्ण!
झुंझुनूं (राजस्थान) संवाददाता सुरेश सैनी: श्री विश्वकर्मा मंदिर समिति द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा चित्रकूट से पधारे श्रद्धेय राजाराम जी महाराज ने आज कथा के सप्तम दिवस पर इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरि लीला श्री रासलीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंस वध, कुंबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर भक्तों को भक्ति रस में डुबो दिया। कथा समापन पर कथा का रसपान करवाया। भगवान श्री कृष्ण सुदामा का मिलन बहुत ही सुंदर तरीके से कथावाचक ने किया। ऐसे मधुर गीत गाए इस वक्ताओं के आंख में आंसुओं की बौछार आ गई और सुदामा की सुंदर झांकी के साथी सुदामा का मंच पर आना वह भगवान श्री कृष्ण से मिलना एक अद्भुत ही तरीके से रुक्मणी और कृष्ण ने सुदामा का स्वागत किया। महल के अंदर वह सुदामा को भगवान ने गरीब ब्राह्मण के रूप में ना देखते हुए एक अपने सखा बाल सखा के रूप में देखा और चरण धो करके भगवान श्री ने एक अद्भुत मानवता का उदाहरण दिया। इस चराचर जगत में कोई किसी से बड़ा नहीं है कोई किसी से छोटा नहीं है। यह पृथ्वी वासियों के लिए एक बहुत ही सुंदर भगवान श्री ने सभी को एक उदाहरण प्रस्तुत किया कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किये गये। कथा के संयोजक भाजपा नेता महेश बसावतिया ने बताया पथमेड़ा धाम से पधारे हुए श्रीसंत ने सुभाष जी महाराज ने अपने उद्बोधन से सनातन के बारे में बहुत ही सुंदर व्याख्यान किया। कथा के अतिथियों में श्री फलाहारी बाबा आनंद गिरी महाराज भी थे। आज की कथा मुख्य जजमान रमेश जागीड़ व उनकी धर्मपत्नी थे एवं मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रभु दयाल, रामाकांत जांगिड़, सरवन कुमार जांगिड़ रमेश जांगिड़, महेश जांगिड़ एवं मंदिर प्रांगण में महिलाएं बच्चे वह भगत गणों ने आरती ली। तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। प्रसाद मुख्य यजमान द्वारा वितरित किया गया।