मनभावन होलिकोत्सव शौर्यवाहक महिला उत्सव एवं वार्षिकोत्सव भव्यता के साथ संपन्न!!
नागपुर (महाराष्ट्र): हिन्दी महिला समिति और जे सी आई टाईटन के संयुक्त तत्वावधान मे होली-मिलन/ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं वार्षिकोत्सव आयोजन सोल्लास संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आरंभ हेमलता मिश्र मानवी ने वाणी-विणायक को नमन - मंच का अभिनंदन एवं सदन के अभिवादन स्वागत के साथ किया।
प्रास्ताविक के साथ जे सी आई टाईटन के प्रोटोकॉल के अनुसार जे सी ज्योति यादव ने पदाधिकारियों एवं अतिथियों को मंचासीन करवाया।महिला समिति की अध्यक्ष रति चौबे तथा जे सी आई टाईटन की अध्यक्ष मीना तिवारी ने पदाधिकारियों अतिथियों का स्वागत किया। क्रिकेट रणजी ट्राफी खेल चुकीं नुसरत नैश ने सुंदर व्याख्यान दिया। विदुषी डाॅ चतुर्वेदी मैडम का व्याख्यान अद्भुत रहा।
तदनंतर हेमलता मिश्र मानवी ने पटल के चिरप्रतीक्षित क्षणों को साकार किया।कुछ गुनगुनी सूत्रों संग गुनगुनाती उस रंगबिरंगी दोपहरिया में संपूर्ण परिसर सजीव जीवंत मुखर हो उठा। "पावनी शारदे"साँची माँजरे की प्रस्तुति सरस्वती वंदन नृत्य से कक्ष भक्ति रस से सरोबार हो गया। पूनम मिश्र "शिव-साधिका"की एकल नाटिका कैकेयी ने विधाता के न्याय के अनुसार राम वनवास की नियति बनी रानी कैकेयी के उपेक्षिता जीवन की ऊंचाईयों से परिचित करवाया।
प्यारी सी "मधुरा"रश्मि मिश्र के नृत्य ने समां बांधा। श्वेत वस्त्रों में "शकुंतला"सी सजी अमिता ने नृत्य के रूप मे पिया को बताया पिया तोसे नैना लागे रे। गीता शर्मा-- अहाहाहा नृत्य ने "कला की देवी"के दर्शन करवा दिये! रस परिवर्तन के साथ एक से बढ़कर एक गीतों की खूशबू से कक्ष महकता रहा। "लोकगीत की बहार" मीरा रायकवार! "होली गीत के साथ "रजनीगंधा" सी महकती कविता कौशिक! लोकगीत की" राजरानी" अपराजिता" ।छंदों की मलिका" अंजुलिका की रसिया होली।" कक्ष को साथ लिए चली। "भक्ति-वत्सला"निर्मला पांडेय दी ने तथा "मधुरम मधुरा" सरोज गर्ग और "शांत-सरिता" सुषमा भांगे ने सुरों की पावनी गंगा बहाई। अरुणा राजपूत की "गुंजनी ओज" भरी हुई रसिया होरी ने तालियों के साथ सबका साथ ले लिया।
"नृत्य-रानी" लक्ष्मी वर्मा तथा"नटराज की सौगात" छवि चक्रवर्ती की मिसाल ने कक्ष को बेमिसाल कलाकारी से जोड़ा तथा उन्हे" स्वयंसिद्धा" सम्मान दिलवाया। रानी रंग की खूबसूरती से दमकती नृत्यांगना "किरणमयी" संतोष बुद्धिराजा तथा पूर्व पश्चिम नृत्यों की अनोखीशैली--"चंदनी-संदली" जस्सी के नृत्यों ने कक्ष को सम्मोहित कर दिया। "सुरों की पावनी गंगा"मधुबाला जी ढोलक के साथ सुरीली मीरा देविका रायपुरे तथा फुलसुंगे की टीम ने जोगीरा सारारारारा की रंगभरी पिचकारी से उस कक्ष को "उत्कर्षी ऊंचाईयां" प्रदान कीं।
मनोरंजन की चंचल वाणी सुषमा अग्रवाल "प्रियंवदा" ने प्रेक्षकों के साथ मंच को खूब लपेटा और तालियाँ बटोरी। इसी श्रेणी में "हरफनमौला" भारती रावल ने अपनी प्रस्तुति वेश-भूषा और नृत्य भंगिमाओं से तालियों की गड़गड़ाहट की अमृत धारा पाई। "सुधिसुधा " रेशम तथा उनकी टीम रश्मि जिगिशा अभिलाषा पायल प्रतिभा नीरांजना सरिता शीतल "मनमोहिनी"टीम के नृत्यों की श्रृँखला ने होली के सतरंगी रसों से सरोबार कर दिया।
होली के फगुआ ने "सुरीली गुंजन"रेखा तिवारी के साथ पूरी सखियों को भावविभोर कर दिया। उस कक्ष में उपस्थित भारी संख्यक होलियारी टोली ने आयोजन का बड़ा ही आनंद उठाया। कार्यकारी अध्यक्ष डॉ चित्रा तूर उपाध्यक्षा द्वय रेखा पांडेय और सुजाता दीदी ने संपूर्ण व्यवस्था अति बढ़िया तरीके से संभाली और होली के उपहार अल्पाहार तथा सर्टिफिकेट मोमेंटो इत्यादी के वितरण व्यवस्था में पूरा सहयोग किया।
अत में ममता विश्वकर्मा ने आभार माना और आयोजन के समापन की घोषणा की। "रसभरे सजीले आयोजन-- इस सफीने की पतवार थामे चल रहीं हेमलता मिश्र "मानवी"को अतिथियों तथा उपस्थित सभी का भरपूर प्यार दुलार सम्मान आभार मिला साथ ही हिंदी महिला समिति का सर्वोच्च सम्मान "स्वयंसिद्धा" मिला। पूर्व अध्यक्षा द्वय उमा मिश्रा और उषा मिश्रा हेमलता मिश्र मानवी साहित्यकार को दिया गया।