विप्र फाउंडेशन का सागवाड़ा में सप्तम विप्र महाकुंभ 26 को!
- जुटेंगे हजारों ब्राह्मण, करेंगे समाज उत्थान के फैसले!
- विप्र फाउंडेशन का एक माह में दूसरा जोन स्तरीय महाकुंभ!
- आदिवासी अंचल में पहली बार 11 जिलों के ब्राह्मणों का बड़ा महासंगम!
- अनेकों संत महात्मा पहुंचेंगे आशीर्वाद देने, दिग्गज राजनेता भी करेंगे शिरकत!
- आदिवासी नेताओं को भी आमंत्रण!
उदयपुर (राजस्थान): विप्र फाउंडेशन का सप्तम संभागीय विप्र महाकुंभ 26 मार्च को सागवाड़ा में होगा। इस महाकुंभ में ब्राह्मण समाज के उत्थान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर खुली चर्चा होगी। सामाजिक बुराईयों को त्यागने के महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जाएंगे। यह विप्र फाउंडेशन का मार्च माह में दूसरा जोन स्तरीय महाकुंभ हैं। इस माह पहला आयोजन मेहंदीपुर बालाजी में हुआ था जिसमें भरतपुर संभाग के 20 हजार से भी अधिक विप्र पहुंचे थे।
विप्र फाउंडेशन जोन 1-ए के प्रदेशाध्यक्ष के के शर्मा ने बताया कि संत मावजी, गोविंद गुरु, संत सुरमाल तथा बेणेश्वर जैसे पवित्र धाम के मध्य बसी धर्म नगरी सागवाड़ा में पहली बार वागड़, मेवाड़ तथा हाड़ौती के महासंगम में ग्यारह जिलों के हजारों की संख्या में ब्राह्मण जुटेंगे। इस महाकुंभ में 35 हजार विप्र जनों के जुटने का अनुमान है। ब्राह्मण समाज की दृष्टि से इस क्षेत्र में यह पहला ऐतिहासिक तथा अभूतपूर्व आयोजन होगा।
जिन जिलों से ब्राह्मण प्रतिनिधि सागवाड़ा स्थित गायत्री शक्तिपीठ स्थल पर होने वाले विप्र महाकुंभ में शामिल होने आयेंगे उनमें बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, चितौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ शामिल हैं।
अकेले उदयपुर जिले से 5 हजार ब्राह्मण जन प्रतिनिधि बसों व अन्य निजी साधनों से पहुंचेंगे। इसी तरह अन्य जिलों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों के पहुंचने की जानकारी हैं। महाकुंभ में मातृ शक्ति भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहेगी। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में तो महाकुंभ को लेकर जबर्दस्त उत्साह है। इन दोनों जिलों से सबसे अधिक लोग महासंगम में पहुंचेंगे। इन जिलों में संगठन के पदाधिकारी घर घर पीले चावल बांट समाज बंधुओं को आमंत्रित कर रहे हैं। विप्र फाउंडेशन के संरक्षक मावली विधायक धर्मनारायण जोशी तथा मैं स्वयं अनेकों गांवों का दौरा कर लौटे हैं। इसी तरह सभी जिलों में संगठन के पदाधिकारी भी संपर्क अभियान में जुटे हैं।
सागवाड़ा में महाकुंभ के संयोजक भूपेंद्र पंड्या, स्वागत अध्यक्ष श्री लोकेश भाई पाठक, सागवाड़ा जिलाध्यक्ष प्रकाश व्यास, डूंगरपुर जिला अध्यक्ष नारायण पंड्या व श्री सादुल चौबीसा और उनकी टीम महाकुंभ की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में दिन रात एक किए हुए हैं। महाकुंभ में पहुंचने वाले प्रतिनिधियों के बैठने, खाने पीने के व्यापक प्रबंध किए गए है ताकि किसी प्रकार की परेशानी महाकुंभ में आगंतुकों को न हो। महाकुंभ स्थल पर एक हजार वोलियेंटर सेवा में तैनात रहेंगे।
विप्र महाकुंभ में संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। इस क्षेत्र के पूजनीय साधु महात्मा, प्रमुख दलों के दिग्गज राजनेता भी विप्र महाकुंभ में आ रहे है। सामाजिक समरसता का संदेश देने के उद्देश्य से आदिवासी नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। इन आमंत्रित नेताओं में जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय प्रमुख है।
विप्र फाउंडेशन प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि इस महासंगम का उद्देश्य न्यातों में बंटे ब्राह्मण समाज की एकजुटता के साथ इस क्षेत्र में बसे आदिवासी तथा अन्य समाज से भाईचारे के संबंधों को और मजबूत (प्रगाढ़) करना है, क्योंकि विप्र फाउंडेशन अपने स्थापनाकाल से ही "सर्वे भवन्तु सुखिनः" के मूल मंत्र को लेकर चल रहा हैं।
हाल ही में 12 मार्च को मेहंदीपुर बालाजी में संपन्न छठे विप्र महाकुंभ में भी सामाजिक ताने बाने को मजबूत करने की बात की गई थी। चूंकि महाकुंभ ब्राह्मणों का है तो ब्राह्मण समाज के उत्थान, अधिकारों की ही बात स्वाभाविक रूप से प्रमुखता से होगी, लेकिन विप्र फाउंडेशन ने सर्व समाज के हक को छिनने की कुचेष्टा कभी नहीं की और ना ही ऐसी कोई मांग उठाई।
उन्होंने जानकारी दी कि विप्र फाउंडेशन ने तो अरुणाचल प्रदेश स्थित परशुराम कुंड पर 51 फीट की मूर्ति स्थापना के प्रकल्प से तो सभी सनातनियों को जोड़ा हैं। हमारा मानना है कि विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम भी सभी के पूजनीय है। 15 करोड़ की लागत से मूर्ति स्थापना के चल रहे इस प्रकल्प तथा तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हो रहे इस पौराणिक महत्व के धाम से जन जन को अवगत करवाने के उद्देश्य से निकाली गई आमंत्रण यात्रा रथ की अगवानी व स्वागत में सर्व समाज को निमंत्रित किया गया था। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ क्षेत्र से गुजरी परशुराम आमंत्रण यात्रा की सभी दलों के साथ प्रमुख आदिवासी नेताओं ने भी न केवल आरती उतारी, बल्कि अंशदान न्यौछावर कर मूर्ति स्थापना में भागीदार बने।
आप सभी को यह जानकर भी सुखद अनुभूति होगी कि अरुणाचल में बौद्ध, ईसाई, आदिवासी सभी परशुराम कुंड को पवित्र धार्मिक स्थल के रूप में पूजते हैं। इस तीर्थ स्थल के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अरुणाचल के उप मुख्यमंत्री चाउ मीन ने तो यहां के विकास में सरकारी फंड स्वीकृति के साथ व्यक्तिगत अंशदान प्रदान किया हैं। उप मुख्यमंत्री चाउ मीन अरुणाचल के आदिवासी समाज के दिग्गज नेता हैं।
विप्र फाउंडेशन की प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय सचिव व जोन 1-ए प्रभारी प्रमोद पालीवाल, विक्की के राष्ट्रीय महामंत्री के के शर्मा, प्रदेश महामंत्री लक्ष्मीकांत जोशी, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण पालीवाल, प्रदेश सचिव ओम जोशी, हरीश आर्य, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र पालीवाल, प्रदेश संगठन मंत्री राजेश पालीवाल, महामंत्री सुनील शर्मा, आईटी संयोजक सुनील पालीवाल, महिला प्रदेश संरक्षक प्रतिनिधि अर्चना शर्मा, कुसुम शर्मा सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।