पाठक की नजर
हम बिहार के निवासी को बिहार से बाहर बिहारी क्यो बोला जाता हैं।:- द्विवेदी प्रशांत
ऐसा नही है की हमारे यहा दूसरे जगह के निवासी रहते है या घूमने आते हो, हम लोग उन्हे कभी उनके जगह के नाम से नही बुलाते जैसे गुजरात से आते हैं तो गुजराती, पंजाब से आते हैं तो पंजाबी, हरिद्वार से आते हो तो पहाडी ऐसे हमलोग उनके मुह पर कभी नही बोलते बाकी हम बिहार के निवासी अगर बिहार से बाहर जाते हैं पढाई करने या नौकरी करने तो वहा हमे बिहारी ही बोला जाता हैं या तो पीठ पीछे बोले या मुह पर बोले बोलते जरूर है। जब कि सबसे ज्यादा काम बिहार के लोगो से ही करवाते हैं, लोकल को उतना काम के लिए फोर्स नहीं करते जितना बिहार के लोग को ज्यादा फोर्स करते हैं, कोई भी काम को ले लो, बोलेंगे जल्दी करो, ये करो वो करो, हम बिहार के लोग के लिए पचीस काम बताएंगे, वहा के लोकल लड़के रहते है उनको उतना काम के प्रति फोर्स नही करते, या किसी काम मे थोरा सा भी अगर गलती निकल जाए तो भी बिहार के लोग को भी भला बुरा कहंगे। बिहार के लोग के लिए ये कभी नही सोचते की इतना दूर से बंदा आकर हमारे यहां काम कर रहा है तो इसकी कोई मजबूरी होगी, बिहार के लोग का रिस्पेक्ट तो करेंगे नही केवल इंसल्ट ही करेगे। चाहे इन्हें जितना भी काम कर के दे दो ये केवल कमियाँ ही निकालेंगे!