★ जगत दर्शन साहित्य ★
"वीर सुभाष "
सुनीता सिंह सरोवर
देख माता को दुखी
नहीं चैन से सोया था|
ले प्रण आजादी का
भर हुंकार वह डोला था||
मत सहो तुम अपराध
ये शब्द उसी ने बोला था|
ले खूनी हस्ताक्षर वो
युद्ध अगन में कूदा था||
आजाद हिंद का फौज का
गठन कर वह मोइरांग लाया था|
चलो दिल्ली का नारा देकर
भारतीय को जगाया था ||
हम देगें हम देगें खून
देश का युवा आगे आया था|
भाल तिलक सजा करके
माताओं ने लाल भेजा था||
कांप उठे थे थर थर
अत्याचारी गोरे सारे|
चंद्र सुभाष ने जब
क्रांति का बिगुल फूंका था ||
भारत से जापान तक
जय हिंद का नारा गूंजा था|
धन्य भूमि बंगाल की जहाँ
वीर सुभाष जन्मा था ||
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★ रचना ★
सुनीता सिंह सरोवर
देवरिया, उमा नगर