एकमा रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव,यात्री हो रहे परेशान
एकमा (बिहार) संवाददाता चंद्रशेखर यादव: पूर्वोत्तर रेलवे छपरा जं एवं सिवान जं के मध्य अवस्थित एकमा रेलवे स्टेशन एक प्रमुख स्टेशन है, जहाँ एकमा व आसपास गांवों के लोग समेत डुमाईगढ़, फूलवरिया, ताजपुर, जूईछपरा, ग्यासपुर, मुबारकपुर, चेफूल, नरपलिया बाजार, गोबरहीं, धर्मपुरा, गिरिवर राय का टोला, जैतपुर, बरेजा, शीतलपुर, कोहडगढ़, चंदउपुर, भरहोपुर, नौतन ,मानें, हेकाम, पचरूखिया, रामपुर, गौसपुर, देकुली, नचाप, कटोखर, रसुलपुर, आमडाढी, जनता बाजार, लहलहादपुर, सेन्दुआर, चैनवा, परसागढ़, सरयुपार इत्यादि ग्रामों के लोगों का यही स्टेशन है, जहाँ से वे ट्रेन पकड़ने आते है एवं बाहर से यहीं उतरते हैं। पंरन्तु दुख की बात यह है कि इस स्टेशन पर यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं मसलन, शौचालय, ट्वायलेट, यात्रीशेड इत्यादि के न रहने से यात्रियों खासकर सपरिवार सफर करनेवालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्टेशन के चारों तरफ खुला जगह एवं दुकानें होने के कारण महिला यात्रियों को
शौच या लघुशंका जैसी आवश्यक कार्य को निपटाने में काफी फजीहत का सामना करना पड़ता है।
आश्चर्यजनक तथ्य तो यह है कि रेलवे को अच्छी खासी राजस्व की प्राप्ति भी होती है। सैंकड़ों रेल यात्रियों का दूरस्त ट्रेनों से आना जाना होता है। लोकल ट्रेनों एवं दूरगामी गाड़ियों के टिकट बहुतायत में कटते हैं। इसके बावजूद भी यहाँ बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। व्यापक क्षेत्र के लोगों के लिए एकमा स्टेशन सफर का प्रमुख केन्द्र तो है, लेकिन दूर से गाड़ी से उतरने वालों के लिए खासकर सपरिवार यात्रियों के रात में ठहरने के लिए वेटिंग रूम तक नहीं है।
स्टेशन पर जीआरपी एवं आरपीएफ का कार्यालय तो है, लेकिन लोकल ट्रेनों की कमी है। पहले से चल रहीं गाड़ियों में से कई का स्टाँपेज फिर से बहाल नहीं हो सका है, जबकि ऐसे गाड़ियों का फिर से स्टाँपेज बहाल करने के लिए एकमा विधायक श्रीकांत यादव एवं सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कई बार पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक तथा डीआरएम, वाराणसी को लिखित ज्ञापन भी दिया है।
अंधी नगरी चौपट राजा की कहावत को यहां चरितार्थ होते देखा जा रहा है, जब दाऊदपुर स्टेशन का टिकट शुल्क 30 रू है और छपरा का भी 30ही रूपये है। चैनवा का शुल्क 30 रू है और सिवान का भी टिकट शुल्क 30 रू ही है।