गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर प्रस्तुत बा बिजेंदर बाबू के इ रचना:---
तिरंगा अपना देसवा के शान बाटे
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ऊपर बल बा केसरिया बीचे सादा सच्चाई बा,
नीचे के हरियारका भइया धरती के अंगड़ाई बा।
एकरा संगे आपन पूरा हिंदुस्तान बाटे,
ई तिरंगा अपना देशवा के शान बाटे।
भगत, सुभाष, चंद्र शेखर जइसन लोगावा,
एकरे ला कईलन जप-तप-ध्यान जोगावा।
गांधी नेहरू का दिल के अरमान बाटे,
इ तिरंगा अपना देशवा के शान बाटे।
हिंदू मुसलमान सभे दिहलें कुर्बानी,
तब जाके खिलल सुननी आपन इ निशानी।
यह में गुथल सब बीरवन के गान बाटे,
ई तिरंगा अपना देशवा के शान बाटे।
बीचवा के चक्र एकरा मन के लुभवले,
चउबिस गो तिल्ली बात एकही बतावे।
हरदम चलत रहीं एकर इ बेयान बाटे,
तिरंगा अपना देशवा के शान बाटे।
हऽ इ शांति के प्रतीक शक्ति बा अपरिमित,
दुनिया गावे कर गीत सगरो पावे हो जीत।
एकरा आगे झुकल पूरा ई जहान बाटे,
तिरंगा अपना देशवा के शान बाटे।
खिलल रहे ई आकाश मिले शक्ति के प्रकाश,
बिजेंद्र करस विश्वास, जग में रही बनके खास।
एसे जूडल सब लोगों के मान बाटे,
ई तिरंगा अपना देशवा के शान बाटे।
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रचना
विजेंद्र कुमार तिवारी
बिजेंदर बाबू
गैरतपुर
मांझी, सारण
पिन नंबर 84 13 13
मोबाइल नंबर 725029900