इस घटना के पश्चात अरुण कुमार ने बताया कि उनकी भाभो मधु देवी की इस दिन तबियत खराब थी इस से सभी लोग जगे हुए थे। एक कमरे में उनकी मां के साथ सभी लोग सो रहे थे। उस कमरे में ठंड से बचाव के लिए बोरसी जल रही थी तथा कमरे का दरवाजा बंद था। अचानक बोरसी से काफी धुआं निकलने लगा जिससे सभी का दम घुटने लगा। इसी घटना में धुएं के कारण अंकित की मौत हो गई। जबकि अन्य लोगों की हालत बिगड़ गई। इसके बाद तो घर में चीख-पुकार मच गई। शोर सुनकर गांव के लोग पहुंचे तथा सभी के मदद से सभी को लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां तुरंत इलाज शुरू किया गया तब जा कर सभी की जान बची। चिकित्सक के द्वारा अंकित को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं चिकित्सक डा. विश्वजीत कुमार ने बताया कि सभी की स्थिति अब खतरे से बाहर है।
थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया कि देर रात घटना की सूचना मिल पाई थी। सूचना के पश्चात पुलिस को वहां भेजा गया था, लेकिन तब तक गांव के लोग सभी को टेंपो में लादकर अस्पताल पहुंचा चुके थे। इलाजरत सभी की स्थिति खतरे से बाहर है।