ग्रामीणों ने खुद से किया चचरी पुल का निर्माण, जब प्रशासन और सरकार ने जब नहीं सुनी गुहार
मशरक (बिहार) संवाददाता धर्मेन्द्र सिंह: प्रशासन और सरकार के उदासीन रवैये से थक-हार कर प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर बंगरा पंचायत के चरिहारा बंगाली घाट पर गुरुवार को घोघाड़ी नदी के उपर ग्रामीणों ने प्रखंड मुख्यालय आने जाने की समस्याओ को देख सभी एकजुट होकर आपसी सहयोग से चचरी पुल का निर्माण किया है, जिससे हजारों ग्रामीणों की आवागमन संबंधित परेशानी दूर हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चरिहारा होकर बांध सड़क और घोघाड़ी नदी पर पुल निर्माण के लिए उनलोगों ने कई बार माननीय सहित अधिकारियों से गुहार लगाई थी, परंतु उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया। अन्त में नाराज ग्रामीणों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में हम सभी इस मुद्दे पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि का बहिष्कार करेंगे। बतातें चके दें कि प्रखंड मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर दूर हंसापीर गांव में जाने के लिए यह मार्ग सबसे सुगम और निकट हैं जिससे पानापुर थाना क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के भी लोगों का आना जाना होता है, वही यदि गांव से सड़क मार्ग से प्रखंड मुख्यालय या बाजार समेत रेलवे बस स्टैंड पर जाना हो तो आठ किलोमीटर की दूरी तय कर जाना पड़ता है वही घोघाड़ी नदी पर चचरी पुल से दूरी एक किलोमीटर की हो जाती है। बरसात के समय चचरी पुल के डूब जाने पर ग्रामीण रेलवे पुल पर जान जोखिम में डालकर आते जातें हैं जिसमें कई बार दुर्घटना हो चुकी है और जान भी चली गयी है। ग्रामीण अशोक राय अजनबी ने बताया कि आने जाने में लंबी दूरी की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों के सहयोग से बास की चचरी पुल का निर्माण कराया गया जिससे आने जाने वालों को समय की बचत के साथ लंबी दूरी तय नही करनी पड़ेगी।