एकमा का पशु चिकित्सालय भगवान भरोसे , पशु चिकित्सक ही नहीं
एकमा (बिहार) संवाददाता चन्द्र्शेखर यादव: सारण जिले के एकमा प्रखण्ड मुख्यालय के समीप प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय तो है, लेकिन पशु चिकित्सक नहीं होने से पशु पालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 4 माह पहले पशु चिकित्सक डा प्रियाराज का तबादला हो जाने के बाद से यहां पशु चिकित्सक का पद रिक्त है।
पशुधन सहायक रणजीत कुमार ही यहां पशूचिकित्सक की अनुपस्थिति में दवा देने व इलाज करने का काम करते हैं। पशु चिकित्सक के के बारे में पूछने पर श्री कुमार बताते हैं कि एकमा प्रखण्ड के रसुलपुर उपकेंद्र में पोस्टेड सबिता मैडम ही तीन दिन यहां के प्रभार में रहती हैं, तथा तीन दिन रसुलपुर उपकेंद्र में रहती हैं। श्री कुमार, जो खुद एकमा पशु चिकित्सालय का पशुधन सहायक हैं, वे सबिता मैडम का पूरा नाम तक नहीं जानते। उनके रहने का स्थान भी ये नहीं जानते।
एकमा के पशु चिकित्सालय में स्थाई रूप से डॉक्टर न होने के कारण अस्पताल परिसर बिकुल खटाल बना हुआ है। बगल के लोग परिसर में ही अपना पशु बांधते हैं व ठेलावाले ठेला लगाते हैं। सरकारी अस्पताल होने के बावजूद अठई जैसे सामान्य रोग के लिए पशुधन सहायक 10 रूपये पशुपालकों से लेते हैं। पशु चिकित्सक का पदस्थापन इस केन्द्र पर नहीं होने से नीम हकीमों की बल्ले बल्ले है। नीम हकीमों को ही यहां के ग्रामीण पशुपालक चिकित्सक समझ कर , पशुओं का इलाज कराने के लिए मजबूर हैं।