एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खुद बीमार, गरीबों का नहीं हो रहा उपचार
एकमा (बिहार) संवाददाता चन्र्दशेखर यादव: सारण जिले का एकमा क्षेत्र राजनीतिक जागरूकता के लिए भले ही बिहार में चर्चित रहा हो, लेकिन सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने से यहीं के गरीब सबसे अधिक वंचित रहते हैं। इसका ज्वलंत मिशाल है, एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।
सरकार ने भले ही यह केन्द्र गरीब मरीजों के लिए खोला हो, लेकिन इस स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि इलाज कराने जानेवाले गरीब मरीजों को दवा की कौन कहे, रूई तक बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है। ड्रेसर ही यहां ट्रीटमेंट करते हैं। महिला चिकित्सक गायब रहती हैं। उनकी जगह एएनएम ही कुर्सी पर विराजमान रहती हैं और ये भी कि उनके पास आला तक नहीं रहता। गरीब,अनपढ़, दलित महिला मरीज केन्द्र में जाकर इन एएनएम को ही चिकित्सक समझ अपना रोग दिखाती हैं। प्रसव कराने वाली महिलाओं से विभिन्न तरह से पैसे वसूले जाते हैं। दवा भी बाहर से खरीदना पड़ता है। जबकि सरकारी अस्पताल समझ, निशुल्क वाला अस्पताल समझ, ऐसी महिलाएं यहां प्रसव कराने जाती हैं। शाम बोलते ही सरकार भी गायब हो जाती हैं।
दिलचस्प तथ्य तो यह है कि इस स्वास्थ्य केन्द्र के ठीक सामने ही एकमा प्रखण्ड सह अंचल मुख्यालय भी है, जहां अधिकारियों की रेलमपेल तो रहती ही है, जिला के आला अधिकारियों का दौरा भी होता ही रहता है। इसके बावजूद केंद्र के भवन पर एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं लिखा गया है। जनप्रतिनिधियों की नजरों से भी उपेक्षित है इस केन्द्र की व्यवस्था। नतीजतन, खुद बीमार होकर रह गया है एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।