★★ जगत दर्शन साहित्य ★★
◆ काव्य जगत ◆
● मधुमालती छंद ●
सुनीता सिंह सरोवर
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मोहित सजी है वाटिका,
मधुबन खडी़ है राधिका,
मनमोहती हैं गोपियां,
घनश्याम की हैं साधिका,
तन मन बसा हरि सांवरा,
गाती मधुर हैं प्रीतिका,
मुरली बजाता श्याम है,
सुध बुध भुलाती गोपिका,
वर्ण से सजाएं वीथिका,
मिलकर लिखे हम गीतिका |
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सुनीता सिंह सरोवर
देवरिया