कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन चर्चित बरवाघाट मेला की तैयारी का प्रशासन ने लिया जायजा, ब्रेथ एनलाइजर की जद में होंगे पियक्कड़
मशरक (बिहार) संवाददाता धर्मेन्द्र सिंह: कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन छपरा जिले के मशरक प्रखण्ड के बरवाघाट में घोघारी नदी के तट पर सुथानिया मेला लगता है। बुजुर्ग ग्रामीणों के अनुसार पूर्व में नारायणी गंडकी का यह तट प्रभु श्रीराम के जनकपुर यात्रा के बाद से चर्चित हुआ था। ऐसा माना जाता है कि जब श्रीराम के चरण का स्पर्श पाते ही नारायणी नदी का जल कम हुआ और भगवान ने आगे की यात्रा प्रारंभ की तबसे इस नदी के पानी में पैर धोने की परंपरा की शुरू हुई। मेला में सुथनी की बिक्री खूब होती थी तब इसे सुथनिया मेला के नाम से पहचान मिली। इस मेले में इसके अलावे लकड़ी के बने ओखल, मूसल की खरीददारी भी महिलाएं खूब करती थी। धीरे धीरे मेले में पियक्कड़ों का जमावड़ा होने लगा। तबसे इसे पियक्कड़ों के मेला के रूप में लोग जानने लगे। कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन लगने वाले इस मेला के आसपास खेत, झाड़ी में लोग तंबू तान पिकनिक मनाने वाले शराब और मांस का सेवन जमकर करने लगे। बिहार में शराबबंदी लागू हुई तबसे पुलिस ने लगाम कसना शुरू कर दिया, इसके बावजूद भी पियक्कड़ मेले में अपनी मौज मस्ती करते दिखते है। इस वर्ष मेला परिसर से पियक्कड़ों को दूर करने और शराबबन्दी की धज्जी उड़ाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की रणनीति बनाई गई है। मढौरा एसडीओ योगेन्द्र कुमार एवं डीएसपी इंद्रजीत बैठा के संयुक्त आदेश के अनुसार मेले में तीन दंडाधिकारी की मौजूदगी होगी। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। मशरक थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि आसपास के इलाके एवं सीमा पर सघन तलाशी एवं छापेमारी की जा रही है। उक्त मेले में ब्रेथ एनलाइजर के साथ पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। नशा करने वाले संदिग्ध की फौरन जांच की जाएगी एवं सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को मढौरा एसडीओ योगेन्द्र कुमार, डीएसपी इंद्रजीत बैठा, सीओ मशरक ललित कुमार सिंह, मशरक थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने मेला स्थल एवं आसपास का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए।