★★ 👏 नौ दुर्गा की वंदना 👏 ★★
दया करो अब हे जग जननी,
तुम हो कृपा निधान।
तेरे रूप अनेक है माता,
कैसे करूं बखान।।
शैलपुत्री है प्रथम रूप मां,
ब्रह्मचारिणी दूजा।
चंद्रघंटा का रूप तीसरा,
करूं मैं हरदम पूजा।।
कुष्मांडा का रूप है चौथा,
पांचवा स्कंदमाता।
कात्यायनी के रूप में हो,
मां सबकी भाग्य विधाता।।
रूप में कालरात्रि बन,
तू दुष्टों को मारे।
महागौरी बन तू मैया,
संतन के काज संवारे।।
नवी रूप में सिद्धिदात्री बन,
सिद्धि करें प्रदान।
तेरे यश की गाथा माता,
गाये सकल जहान।।
नौ रूप में हे नवदुर्गा,
तू सबका कल्याण करे।
अब बिजेन्द्र शरणागत् होके,
तेरा ही गुणगान करे।।
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रचना
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू
पता
गैरतपुर, मांझी
सारण, बिहार
मोबाइल नंबर:-7250299200