★ जगत दर्शन साहित्य ★
◆ काव्य जगत ◆
रूप बड़ा या गुण:सुनीता सिंह सरोवर
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माटी का ये पुतला,
माटी में मिल जाएगा
सुंदर काया नश्वर माया
क्षणभंगुर ये जीवन प्यारा,
दो दिन का है जग का मेला,
सब कुछ यहीं रह जाएगा,
क्यों इतराए रुप पर इतना
यह तो एक दिन ढल जाएगा,
जरा सबक लो इतिहास से,
गुण ने नाम कमाया है,
सूरदास या हो कालीदास
गुण ने मान बढाया इनका,
कड़वी होती नीम निबौरी,
पर गुणों की खान कहलाती,
काली काली कोयल रानी,
मीठे मीठे गीत सुनाती,
सुंदर सुराही सोने की होती,
पर प्यास बुझाती माटी की,
रूप पर बंदे अभिमान न करना,
गुण बड़ा है, पूज्यमान,
गुण का जग में नाम बड़ा है||
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रचना
सुनीता सिंह सरोवर
देवरिया