👌👌👌👌👌 माँ 👌👌👌👌
सुनिधि कुमारी
लिखने का हुनर अगर मुझे आया होता।
तो सबसे पहले मैंने अपनी माँ को बताया होता।
जिन्दगी सर्वग सी होती नहीं सुन्दर।
अगर मेरी माँ का साया मेरे साथ ना होता।
आज मैं माँ पर जोर से चिल्लाया ना होता।
अगर बोलना उसने मुझे सिखाया ना होता।
मैंने तो मारी है लात उन्हें कोख़ से ही।
छोड़ कर जाता ना उसे अगर चलना मुझे सिखाया ना होता।
मालूम होता उसे कि मैं छोड़ कर जाउंगा।
तो उसने भी प्रसव पीड़ा का भार उठाया ना होता।
मैं ये बोल नहीं पाता कि क्या किया है तुमने मेरे लिए।
अगर उसने अपना जिसम काट कर मुझे बनाया ना होता।
बिना हिसाब के दवाईया लाता उनके लिए।
मेरे खिलौनों का खर्च अगर मुझे समझाया होता।
वो पेट भर खाती ना रोती अकेले मे।
अगर मैंने उसे सताया ना होता।
झुर्रियां पर गई जल्द ही,उम्र 50 मे वो 75 की लगती है।
मैं रोज 30 मिनट भी अगर बैठ जाता उसके पास।
तो बूढापा उसे 100 की उम्र तक भी ना आया होता।
वो मेरे एक बार मनाने पर नहीं मानती।
अगर रूठने का गुण खुदा ने उसको भी सिखाया होता।
झुकाना ना पड़ता सारे जहान मे सर मुझे।
अगर स़जदे मे सर मैंने माँ के झुकाया होता।
✍️ सुनिधि कुमारी
कक्षा 11वीं
बीकेबी हाईटेक स्कूल ताजपुर
मो ० 7717755070