केसर-ए-हिन्द की जमीन अवैध रूप से करोड़ों में बेच दी गयी, प्रशासन है अनजान
माँझी(बिहार)- संवाददाता वीरेश सिंह: भारत सरकार की केसर-ए-हिंद की जमीन जिसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी केन्द्र व राज्य सरकार दोनों को दो गयी है, वह करोड़ों में अवैध रूप से बिक गयी। वही जमीन जिसकी देख-रेख की जवाबदेही जिला बोर्ड को ही मिली है। मामला छपरा जिले के माँझी प्रखंड के डोम पड़ाव (महादलित बस्ती) के समीप स्थित सैकड़ो कट्ठा में फैले जमीन की है। यह जमीन जो मांझी प्रखण्ड मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में स्थित है। इस जमीन को भू-माफियाओं ने एक जाति विशेष के लोगो को बहला फुसला कर तथा झांसा देकर अपने नेटवर्क के द्वारा बेचवा दिया।
जानकारी के अनुसार मांझी के महादलित परिवारों को सरकार ने सैकड़ो कट्ठा जमीन उनके जीवन यापन तथा भरण पोषण के लिए दिया था। यह जमीन भू-माफियाओं की नजर से दूर नही रह सकी। उनलोगों ने इस जमीन को महादलित बस्ती के लोगो को झांसा देकर व पैसे का लालच दिखाकर स्टाम्प पेपर के सहारे बेचवा दिया। अजीब और प्रशासन से बेखबर केसर ए हिन्द की जमीन पर कई लोगों द्वारा अवैध रूप से मकान भी बनवा लिया गया है।
इस बड़े भू भाग को मुक्त कराने के लिए एक स्थानीय महादलित परिवार की ही महिला अनिता देवी ने माजरा समझते हुए पहल की और राज्य सरकार के प्रधान सचिव तथा जिलाधिकारी से लिखित शिकायत की। परंतु दुख इस बात का है कि आज तक इस जमीन को मुक्त कराने की दिशा में सम्बन्धित पदाधिकारियों द्वारा कोई ठोस कारवाई नही की गई। इस पर आवेदिका ने इस जमीन को मुक्त कराने की ठान ली और अधिकारियों को ज्ञापन देना शुरू कर दिया। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस जमीन की मिट्टी भी कटवाकर लाखों में बेच दी गयी है।
महिला ने उक्त जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए लगभग 16 माह पूर्व से ही प्रयास कर रही है। परंतु इसके शिकायत पत्र पर अब तक कोई कारवाई नही की गई। अब तो इस जमीन के लोकेशन का फायदा उठा कर शराब कारोबारी भी चांदी काट रहे है। यहाँ प्रशासन से छिप छुपा कर बड़े पैमाने पर शराब की बिक्री हो रही है। अब अंत मे महिला ने कहा है कि यदि एक माह के अंदर जमीन को मुक्त नहीं कराया गया तो वह माननीय उच्च न्यायालय में लोक जनहित याचिका दायर करेगी।