पटना (अखिलेश्वर कु की रिपोर्ट): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तानशाही सिर्फ शिक्षकों एवं शिक्षाविद जैसे कमजोर वर्ग के लोगों पर ही चलता है। अभी एक ताजा न्यूज़ आया था कि कटिहार के शिक्षक तमिजुद्दीन को निलंबित कर दिया गया। उनका अपराध सिर्फ इतना था कि इस सरकार के तानाशाही पदाधिकारियों के आदेश पर मध्यान्ह भोजन योजना में मील चावल के फ़टे पुराने खाली बोरे बेचकर सरकार को ₹10 प्रति बोरी के हिसाब से राशि वापस करनी थी,अतः वे बोर बेचने निकल पड़े थे और किसी ने उनका वीडियो बना कर वायरल कर दिया था।
आज दिनांक 14 अगस्त को सरकार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव श्री सुशील कुमार का आदेश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया गया है कि जो भी व्यक्ति धरना प्रदर्शन करता है उस पर उचित कारवाई की जाए ।
फिलहाल मामला यह है कि शिक्षा कर्मी, शिक्षा सेवक और तालिमी मरकज जो दबे कुचले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति या अनपढ़ लोगों को शिक्षित करने का कार्य करते हैं, आज वे अपने अधिकार को पाने के लिए धरना प्रदर्शन करने का आग्रह किये थे लेकिन तभी सचिव का यह पत्र निकालना वाकई तानाशाही को प्रदर्शित करता है। उचित कार्रवाई का अर्थ तो आप समझ ही रहे होंगे अर्थात निलंबन ।