तमिजुद्दीन पर निलंबन को लेकर बिहार के शिक्षक संघों में आक्रोश,सड़क पर उतरने को तैयार
बिहार सरकार हमेशा से करती रही है नियोजित शिक्षकों के साथ बुरा बर्ताव
ज्ञात हो कि आज बिहार के सिवान जिले के गांधी मैदान में शिक्षकों ने एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में एक एक शिक्षकों ने अपनी बात साझा किया जिसमें मूल रूप से शिक्षक तजीमुद्दीन को लेकर आक्रोश नजर आया। सभी शिक्षकों ने सरकार की एकतरफा कार्रवाई की और भर्त्सना की।
क्या है मुद्दा?
यह भी ज्ञात हो कि बिहार सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष 2014- 15 ,2015- 16 में मध्याहन भोजन योजना अंतर्गत उपलब्ध कराई गई खाद्यान्न के खाली बोरों को बेचकर राशि को विभाग में जमा कराने का आदेश दिया गया है। इसको लेकर प्रधानाध्यापक तजीमुद्दीन सरकारी आदेश का पालन करते हुए सड़क किनारे बोरा बेच रहे थे। इसका किसी व्यक्ति ने वीडियो फुटेज बना कर सोशल मीडिया पर डाल दिया था।
ऐसे में यह प्रश्न उठना वाजिब हो जाता है कि उनकी गलती कहां है? उनका पक्ष सुने बगैर निलंबन की कार्रवाई कहीं से न्यायोचित नहीं है। सरकार को अपनी छवि की चिंता तो है परंतु शिक्षकों की गरिमा दिन-रात गिराई जा रही है इसकी चिंता नही है। वस्तुतः शैक्षणिक कार्यों के अलावा विभिन्न प्रकार के गैरशैक्षिणक कार्यों में लगाकर शिक्षकों के मनोबल को तोड़ा जा रहा है।
तीन दिनों से लगातार शिक्षक आक्रामक रुख अख्तियार किये हुए है।
आज सिवान के बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में मुख्य रूप से रजनीश मिश्र, सुधीर कुमार शर्मा, शाहिद आलम,श्रीकांत सिंह, रूपेश राय, अभय कुमार सिंह, प्रदीप मिश्र, मिथिलेश कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे ।