"बिहार सरकार शिक्षकों के साथ कर रही है खिलवाड़,राजद चुप नही बैठेगा।"- चितरंजन गगन
बिहार (संवादाता अखिलेश्वर कुमार) : बिहार सरकार हमेशा बिहार के शिक्षकों को छलते आ रही है। चाहे वह वेतनमान हो चाहे शिक्षक के दर्जे की बात। हमेशा शिक्षकों को शब्द जाल में फसाए रखती हैं। आज फिर एक धोखा नीतीश सरकार शिक्षकों के साथ करने जा रही हैं जिसका विरोध राष्ट्रीय जनता दल ने पूरे जोश के साथ किया है। यह विरोध शिक्षकों के प्रधानाध्यापक पद को लेकर घोषित नियमावली पर है।
जानकारी के अनुसार 15 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा किया था कि सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के पद की भर्ती की जाएगी। लेकिन इनकी सरकार इस पद को भरने के लिए बीपीएससी परीक्षा लेने और इसमें निजी विद्यालयों के शिक्षकों को भी शामिल करने जैसे नियम बनाकर बिहार के सरकारी शिक्षकों को फिर से छलने जा रही है जिसका इसका विरोध बिहार के सभी शिक्षक संघों ने भी किया है।
बिहार सरकार के नियमानुसार प्रधानाध्यापक वही शिक्षक बन सकते हैं जो विद्यालयों में सबसे वरीय तथा सबसे अधिक अनुभव है लेकिन 15 के घोषणा के पश्चात एक नया नियम लाने से बिहार के सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
वह इसका विरोध करते हुए आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण शिक्षण व्यवस्था पहले से हैं पूरी तरह बदहाल हो चुकी है और सरकार की इस तरह के फैसले से व्यवस्था और भी गर्त में चली जाएगी। उन्होंने सरकार से यह मांग की है कि सरकार पूर्व नियमावली कि जो व्यवस्थाएं हैं उन्हें ही लागू करें। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकों के अधिकार के साथ यदि खिलवाड़ होगा तो राष्ट्रीय जनता दल चुप नहीं बैठेगी।