प्रेम के अद्भुत स्वरूप के रूप में प्रेम के प्रतीक राधे-कृष्ण की जोड़ी से कोई भी अनभिज्ञ नही रहा है। कोई भी कवि इनके प्रेम से वंचित नही रह सका है। प्रस्तुत है राधे-कृष्ण की भक्ति में प्रेम पर आधारित युवा कवियित्री प्रिया पांडेय रौशनी जी की यह खास कविता।
आज की बात कुछ खास हैं : प्रिया पाण्डेय "रोशनी "
आज की बात कुछ खास है,
आज आपके प्यार का एहसास है,
सावन के सुहाने मौसम में
मुझे वृंदावन में कृष्ण मिलन की आस है।
कृष्ण संग राधा झूला झूल रहे,
कितना सुंदर दृश्य और कितना सुंदर मधुमास है,
वृंदावन के गोपेश्वर भगवान,
भोलेनाथ के मंदिर में,
भक्त लगा रहे अरदास है।
बज रहे मधुर भजन सावन में,
भोले के मंदिर में और साथ में,
कितना सुंदर साज (वाध्य यंत्र ) है,
दूर हूं मैं वृंदावन से तो क्या,
मेरे दिल की पहुंच रही कृष्ण राधा,
और भोले तक आवाज है,
बुलाएंगे कभी सावन में,
वृंदावन धाम मुझे यह विश्वास है।
आज कृष्ण राधा की छवि,
आंखों में बस गई,
इसलिए आज की यह बात,
कुछ खास है।
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■