हिंदी साहित्य की जानी मानी हस्ती वरिष्ठ कवियित्री श्रीमती किरण बरेली जी की रचना 'प्रणाम ज्ञान दाता' गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु के महत्व तथा जीवन मे उनकी अनिवार्यता को चित्रित करती है। गुरु के एक आशीर्वाद मात्र से जीवन पवित्र हो जाता है।
प्रणाम ज्ञान दाता
आप ज्ञान दाता सबके भाग्य विधाता
हम नन्हें नन्हें नौनिहाल
पूज्यनिया माता के लाल
माँ की तरह ही आपने
हमारे छोटे हाथों को थाम
उंगलियों में ज्ञान की तूलिका से
शब्द। शब्द लिखवाया।
आड़ी तिरछी लकीरों से
भाग्य की परिभाषा
लिखना सिखलाया।।
कर्म की कर्मभूमि से
अवगत कराया।
जब हम साक्षर हुए तो
प्रथम प्रणाम लिखा
गुरुजनों माता। पिता
हमारे पूर्वजों को।।
हम हमेशा ऋणी आपके
बहाया आपने ज्ञान की ऐसी गंगा है
जिसकी बूँद बूँद
अमृत की धारा।।।
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किरण बरेली