प्रखंड नियोजन इकाई सिसवन के लापरवाही के कारण प्रखंड के 18 शिक्षकों को वेतन नही मिला
सिसवन (बिहार) : प्रखंड नियोजन इकाई सिसवन के 18 शिक्षकों का मई 2020 का वेतन अभी तक बाकी है। ज्ञात है कि 17 फरवरी से सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे, परंतु कोरोना महामारी के आ जाने के बाद शिक्षकों ने अपना हड़ताल समाप्त कर अपने मूल विद्यालय में योगदान कर लिया। आवेदन देकर शिक्षकों ने अपने हड़ताल से वापस आने की जानकारी बीआरसी कार्यालय को दे दी। लेकिन 18 शिक्षकों का माह अप्रैल 2020 का वेतन आने के बाद मई का वेतन नहीं आया। इस विषय में बीआरसी कार्यालय में लगातार आवेदन देकर समस्या से अवगत कराया गया। तत्कालीन बीईओ मीनू कुमारी कभी उपस्थिति विवरणी प्राप्त न होने तो कभी शिक्षको से स्पस्टीकरण मांगने का बहाना बना कर टालमटोल करती रही। जबकि शिक्षकों का कहना हैं कि उपस्थिति विवरणी समन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक के द्वारा ससमय उपलब्ध करवा दिया गया था। यह सर्वविदित होते हुए की बिहार सरकार के आदेश के अनुसार लॉक डाउन की अवधी में किसी भी राज्यकर्मी का वेतन बाधित नहीं करने के आदेश दिए गए थे क्योकि उसी समय कई शिक्षक इलाज के अभाव में अपना दम तोड़ चुके थे , तब भी इन 18 शिक्षकों का मई 2020 से ही लगभग एक वर्ष से अधिक समय से रुका हुआ है। ये 18 शिक्षक मुकेश कुमार गुप्ता, नेहा कुमारी, कुमारी शोभा, प्रेमा कुमारी, नीलम कुमारी, राकेश कुमार, नाशबुलैंन आजाद, चंदा सिंह,विनीता सिंह, आरती कुमारी, सबीना बनो, विजय राम, रामजी प्रसाद, रीमा सिंह यादव, अजीज फात्मा, वीरेंद्र कुमार, रंजीत कुमार ठाकुर, कयामुद्दीन अंसारी है।
इन सभी शिक्षकों का कहना है कि हमलोग वर्तमान बीईओ तथा बीडीओ से भी शिकायत कर चुके है परन्तु हमलोगों को एक वर्ष से भी अधिक होने को है,पमेंन्ट नही मिला है। सरकार के नीतियों के अनुसार हमलोगों का वेतन भी कम है, वो भी समय से नही मिलता। इस स्थिति में गृहस्ती चलाना बहुत ही कठिन होता है।
टीईटी शिक्षक संघ सिसवन ने अधिकारियो से अनुरोध किया है कि इसे अधिकारी जल्द से जल्द संज्ञान में लेकर वेतन निर्गत करें।