■ नदी ■
झन में इतराती हैं झन में सुख जाती हैं
यह नदियाँ भी बहुत कमाल की होती हैं।
जब पूरे जोरों पर आ जाती हैं तो
गाँव के गाँव बहा कर ले जाती हैं।
नहीं रोक सकता इसको कोई पहाड़ भी,
जब यह अपने रंग पर आ जाती हैं।
बहुत से राज्य है जहाँ सिर्फ एक ही नदी हैं,
हमारे बिहार में नदियाँ ही नदियाँ बहती हैं।
नाम गिनाने लगूँ तो शायद यह कागज भी कम हो,
पर नदियों की गिनती कभी खत्म ही ना हो ।
बात छिड़ी तो गिना देना भी उचित लगता हैं,
गण्डक, बूढ़ी गण्डक, सरयू, कमला कोशी
नारायणी ,बागमती सोन सहित गंगा भी यहाँ
बहती हैं।
धन्य है मेरा छपरा जहाँ
डोरी गंज मैं आकर,
गंगा,सोन और सरयू का संगम बनता हैं।
रचना
अजय सिंह अजनवी
छपरा