क्या है मामला?
अगस्त 2016 में प्रखंड के तत्कालीन शिक्षा पदाधिकारी गुलाम सरवर ने जांच के नाम पर सभी शिक्षकों का प्रमाण पत्र जमा कर लिए थे। 5 वर्ष तक इस नियोजन इकाई ने अपने कथित जांच का करा न सकी। शिक्षको को बार बार अपने प्रमाणपत्र मांगे जाने पर जवाब दिया जाता रहा है कि प्रमाण पत्र कहाँ है पता नही। नियोजन इकाई अपनी लापरवाही का गाथा खुद गाने लगी। शिक्षकों का प्रमाण पत्र गायब हो गया।
अब बिहार सरकार ने 20 जुलाई तक प्रमाण पत्र शिक्षा विभाग के पोर्टल पर जमा करने के आदेश दे डाला। अब शिक्षक एक माह से फिर चक्कर लगाने लगे। लेकिन कोई मा बाप नही । कोई सुनवाई नही । प्रखंड कार्यालय से वर्तमान बी ए ओ भी गायब रहने लगे है।
दिनांक 13 जुलाई को टीईटी शिक्षक संघ ने पुरजोर हंगामा किया। करीब सैकड़ों शिक्षको के साथ बी ई ओ के कार्यालय में बीईओ के अनुपस्थिति में उनके सहायक को तथा प्रखंड कार्यालय में बीडीओ को ज्ञापन सौंप दिया गया। अगले दिन बीईओ ने शिक्षक परम हंस मिश्रा को पत्र जारी कर कहा कि 24 घंटे में प्रमाण पत्र को सिवान से लेकर उपलब्ध कराए। अर्थात अब बीईओ को पता लग गया कि प्रमाणपत्र कहाँ है।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष सरोज भारती अगले दिन कार्यालय गए परंतु बीईओ पुनः गायब। फिर बीडीओ के पास गए । बीडीओ ने आश्वासन दिया कि 2 दिन रुक जाए। शिक्षक सरोज भारती पुनः कल 17 जुलाई को कार्यालय में बैठे रहे, परंतु कोई जवाब नही मिला। बीईओ भी गायब थे। कल सोमवार को 19 जुलाई को आखिरी दिन बच जाएगा। इस स्थिति में शिक्षको की नौकरी का जिम्मा कौन लेगा यह कहना मुश्किल होगा। फिलहाल बीडीओ ने आश्वासन दिया है कि जब शिक्षकों के पास रिसीविंग लेटर है तो चिंता करने की कोई बात नही है। बीईओ ओर एफआईआर निश्चित रूप से होगा। किसी की नौकरी खतरे में नही आने देंगे।
परंतु इस मौखिक आश्वासन से क्या शिक्षक बच सकते है? यह तो कहना मुश्किल होगा।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष सरोज भारती ने बताया कि अगर 10 बजे तक कोई हल नही निकलता है प्रखण्ड स्तर से तो कल फिर से व्यापक स्तर पर धरना तथा प्रदर्शन होगा। कल जिले में भी इसकी शिकायत तथा धरना प्रदर्शन होगा।