गोबरही मांझी : बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक योजना थी जल नल योजना। इसका उद्देश्य जंहा ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे हर तबके के लोगो को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना था। इस योजना पर कार्य हुआ। सफलता पूर्वक कार्य पूर्ण होने की हरी झंडी भी मिल गयी। मगर प्रदेश में अभी ऐसे भी वार्ड है जंहा बोर वेल तो हो गए पर अभी भी पाइप लगे है। कंही पाइप है तो नल नही है। कहीं जल मीनार बन गए लेकिन टंकी तक नही लगे। करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद भी गरीब जल के लिए तरस रहे है। पर कंही न कंही प्रबंधन में चूक के कारण जल खुलेआम सड़को पर कंही नालियों में बह रहे है और लोग उस पानी के लिए तरस रहे हैं।
ये जल नल योजना की जीवंत तस्वीरें मांझी प्रखंड के गोबरहीं पंचायत की वार्ड नम्बर 11 ग्राम चन्दऊपुर की है। यह एकमा ताजपुर मुख्य मार्ग पर स्थित पोखरा से सटे जल मीनार खड़ा है। तस्वीर से ही दिख रहा है यह जलमीनार अपने युवा अवस्था मे ही वृद्ध के श्रेणी में आने वाला है। अभी बगल में ही लगे बोर वेल के जल के इन्तेजार में प्यासे मरने के कगार पर है। इसका जायजा जब लिया गया तब वंहा मौजूद शिक्षक चंद्रदीप सिंह मिले। उनका कहना है " तार लटका है, जब मर्जी होता है तो पंप चला कर पानी पोखरा में छोड़ दिया जाता है। अभी तक घरों में पानी नसीब नही है । हमारे गोबरहीं पंचायत के मुखिया बोलते है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) ने अभी रुपया नही दिये है, इसलिए काम अघुरा है। कभी बोलते है कि वार्ड सदस्य रुपये लेकर भाग गया इस लिए काम नही हो पा रहा है।"
सरकार को दोष दिया जाये कि ऊपर से प्रबंधन ठीक नही है कि मुखिया को की स्थानीय प्रबंधन सही नही है यह ग्रामीणों के समझ मे से बाहर लगता है। कंही न कंही उनकी अपनी चूक भी समझ मे आती है। वे भी मजबूर है वे क्या कर सकते है। अपनी रोजी रोटी देखें या इस व्यस्था में लगे। कंही न कंही सभी नागरिकों के पैसे का क्या हो रहा है जनता बस मजबूर है सिर्फ देखती ही रहती है।
अब तो बिहार सरकार के द्वारा प्रत्येक वार्ड सदस्य को प्रति माह 5000 रुपये मिलने वाले है मरम्मत तथा उत्तम देख रेख करने के लिए। परंतु यंहा अभी जल नल का शुरुवात ही नही हुआ तो देख रेख का सवाल ही नही होता। लोग इसकी भी चिंता जता रहे है कि यंहा भी घपला होने को है। कार्य की शुरुवात भी नही हुआ और देख रेख के नाम पर सरकारी खजाना आम नागरिक का धन का लूट होगा।
यंहा के लोगों को अब भी उम्मीद बना हुआ है कि किसी अधिकारी का ध्यान आ जाए तथा उचित कार्रवाई कर इस वार्ड का उत्थान हो जाए।