""""" सरकार के कूटनीति का शिकार प्राइवेट स्कूल शिक्षक के मन कि व्यथा""""
छपरा (जितेंद्र सिंह) हम प्राइवेट शिक्षक है जो सरकार की कूटनीति एवं विपक्ष दोनों के दोरंगी नीति के शिकार हैं। सरकार जब चाहे कुछ भी कार्य या फैसला ले सकती है। लेकिन प्राइवेट स्कूल के हम जैसे शिक्षक जो आज सड़क पर आ गए हैं जिनकी मासिक आय 2500 से 5000 तक मात्र था। आज भुखमरी एवं कई तरह के बीमारियों के शिकार हैं ।आज लगभग 15 महीनों से कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद चल रहे हैं। लेकिन सरकार ने कभी हम प्राइवेट स्कूल शिक्षकों की खबर नहीं ली। यहां तक कि विपक्ष जो बड़े-बड़े दावे करते हैं वह भी हम लोगों के विषय में कभी कुछ नहीं बोलते जैसे उन्हें भी हम जैसे प्राइवेट स्कूल शिक्षकों से कोई मतलब ना हो। हम प्राइवेट स्कूल शिक्षक सरकार एवं विपक्ष के दोरंगी की नीतियों के शिकार होकर रह गए। हम प्राइवेट शिक्षक अपनी परेशानियां किसी को कह भी नहीं सकते अपने सारे गम दुख अपने अंदर ही दबाकर जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।
हमारा साथ तो सरकारी शिक्षक भी देने को तैयार नहीं हैं क्योंकि उन्हें हर महीने उनका वेतन मिलता है। और बड़े प्राइवेट स्कूल हमारा साथ देने को तैयार नहीं है कि उन्हें सरकार के द्वारा अनुदान एवं उनके स्कूल की फी मिल जाते हैं।
आज के परिवेश में यदि सबसे मजबूर कोई है तो वह प्राइवेट शिक्षक हैं।ना जी सकते हैं और ना ही मर सकते हैं क्योंकि उनके ऊपर परिवार के भी दायित्व हैं जिसे इमानदारी से पूरा करना है।
बहुत बड़ी विडंबना तो यह है कि कोरोना महामारी में जैसे थोड़ी कमी आती है तो सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार हो जाते हैं तो विपक्ष भी चुनाव कराने में साथ देता है। लेकिन किसी उचित एवं समुचित व्यवस्था के साथ कोरोना महामारी गाइडलाइंस के साथ पढ़ाई शुरू हो ताकि जो प्राइवेट शिक्षक भुखमरी के शिकार हैं उनके जीवन को बचाया जा सके। इसके बारे में न तो सरकार और ना ही विपक्ष कोई नहीं सोचता है।
सिर्फ यही नहीं बच्चों के आने वाले 5 वर्ष का भविष्य आज की शिक्षा के अभाव से प्रभावित होंगे जो शायद कभी भी जल्द दूर न किया जा सके।
हम प्राइवेट स्कूल शिक्षक मजबूर है अपने हालात पर समझ में नहीं आता क्या करें ।
हम भुखमरी के शिकार प्राइवेट स्कूल शिक्षक अपनी व्यथा और परेशानी किसे सुनायें। सरकार तक अपनी आवाज कैसे पहुंचाऐं। हम किससे मदद की आशा करें ।कौन हमारी मदद करेगा ?
लेखक
जितेन्द्र सिंह
आकांक्षा पब्लिक स्कूल, डुमरी ,
मांझी सारण।
मोबाइल न०9708793753