विश्व एड्स दिवस 2025
ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के स्थानीय कार्यालय में कार्यशाला का हुआ आयोजन:
गर्भवती माताओं को एड्स की जांच करानी चाहिए: डॉ अंजू सिंह
छपरा, 01 दिसंबर 2015
एचआईवी एक गंभीर बीमारी है जिसका वर्तमान में कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इसे आम बोलचाल में एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम कहा जाता है। एड्स बीमारी के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल विश्व एड्स दिवस दिसंबर माह की पहली तारीख यानि 01 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। उक्त बातें ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा स्थानीय साधनापुरी स्थित कार्यालय के सभागार में आयोजित कार्यशाला के दौरान उपस्थित महिला और युवतियों से कही। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष 2025 की थीम Overcoming disruption, transforming the AIDS response है, यानि "व्यवधान पर काबू पाना, एड्स प्रतिक्रिया में परिवर्तन लाना” थीम के साथ मनाया जा रहा है, जो बताती है कि एड्स से जुड़ी शर्म, डर और सामाजिक दूरी को खत्म करना कितना जरूरी है। आज का दिन हर उस व्यक्ति को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिसने इस घातक बीमारी के कारण अपनी जान गंवाई है। इसी कारण हमलोगों ने समाज में फैली असमानताओं को दूर करने और एड्स को जड़ से समाप्त करने के उद्वेश्य से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
गर्भवती माताओं को एड्स की जांच करानी चाहिए: डॉ अंजू सिंह
उन्होंने यह भी कहा कि वह हर चीज जो हमें और हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, उसके बारे में हमें चर्चा करनी चाहिए। क्योंकि एड्स जैसी घातक बीमारी भी हमें प्रभावित करती है। इससे एक व्यक्ति का जीवन ही नहीं, बल्कि उससे संबंधित कई अन्य लोगों का भी जीवन प्रभावित होता है। व्यक्ति अगर समझदारी का परिचय देता है और उसका आचरण संयमित है तो वह स्वयं को एड्स से सुरक्षित रख सकता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग और राज्य एड्स नियंत्रण समिति के प्रयासों से सारण सहित राज्य के अन्य जिलों में एड्स पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है, लेकिन इसकी चर्चा निरंतर होती रहनी चाहिए। एड्स लाइलाज बीमारी है तथा जानकारी एवं शिक्षा ही इससे बचाव का सबसे सशक्त माध्यम है। उपस्थित सभी लोगों से अनुरोध किया गया कि गर्भवती माताओं को एड्स की जांच करानी चाहिए, हालांकि यह सुविधा प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में निः शुल्क सुविधाएं उपलब्ध है। राज्य सरकार ने 2030 तक राज्य को पूरी तरह से एड्स से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
यौन शिक्षा का अभाव एचआइवी संक्रमण का सबसे बड़ा कारण: धर्मेंद्र रस्तोगी
नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के पूर्व जिला महासचिव सह वरीय पत्रकार धर्मेंद्र रस्तोगी ने आयोजित कार्यशाला में बताया की यौन शिक्षा का अभाव एचआइवी संक्रमण का सबसे बड़ा कारण है। असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सीरिंज या सुई का प्रयोग, संक्रमित रक्त आदि के प्रयोग के कारण होता है। वहीं एचआइवी संक्रमित माता से उसकी संतान को भी एचआइवी संक्रमण होता है। जिस कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह समाप्त कर देता है। जिससे पीड़ित अन्य घातक बीमारियों जैसे टीबी, कैंसर व अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित हो जाता है। एड्स से बचाव के लिए जीवनसाथी के अलावा किसी और महिला से यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। अगर गैर महिला एड्स संक्रमित हो तो आपका जीवनसाथी भी इसके चपेट में आ सकती है। नशीली दवाइयों के लिए सूई के इस्तेमाल से दूर रहें। एड्स पीड़ित महिलाएं गर्भधारण से पहले अनिवार्य रूप से चिकित्सीय सलाह लेना चाहिए। बिना जांच के या अनजान व्यक्ति से रक्त कभी भी नहीं लेना चाहिए। विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करना होता है। इसके तहत लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार और कारण इत्यादि के संबंध में जानकारी गई। इस अवसर पर ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह, मणि शाही, प्रीति शाही, नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स इंडिया के पूर्व जिला महासचिव सह वरीय पत्रकार धर्मेंद्र रस्तोगी, रूपेश कुमार सिंह, योगा प्रशिक्षक सलोनी कुमारी सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

