मारपीट व घर में आगजनी मामले में चार दोषियों को पांच-पांच साल की सश्रम कारावास की सजा
सारण (बिहार): सारण जिले में गंभीर आपराधिक मामलों के त्वरित निष्पादन की दिशा में पुलिस और अभियोजन की सक्रियता रंग ला रही है। मारपीट एवं घर में आग लगाने के एक पुराने मामले में माननीय न्यायालय ने चार अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए कड़ी सजा सुनाई है। यह फैसला 18 दिसंबर 2025 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-08, सारण छपरा श्री अनिल कुमार भारद्वाज की अदालत द्वारा सुनाया गया।
यह मामला दाउदपुर थाना कांड संख्या 20/2008, दिनांक 19 फरवरी 2008 से संबंधित है, जिसमें धारा 341, 323, 149 एवं 436 भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप गठित किए गए थे। सत्रवाद संख्या 475/12 के तहत चले इस मुकदमे में अदालत ने चारों अभियुक्तों को धारा 436/149 भादंवि में दोषी पाते हुए प्रत्येक को पांच-पांच वर्ष की सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही, अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का आदेश भी दिया गया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में कुल सात गवाहों की साक्ष्य माननीय न्यायालय में प्रस्तुत की गई। अपर लोक अभियोजक श्री विमल चंद्र सिंह ने अभियोजन की ओर से सशक्त रूप से पक्ष रखते हुए दोष सिद्ध कराया। पुलिस मुख्यालय के निर्देश के आलोक में वर्ष 2025 के दौरान सारण जिले में गंभीर प्रकृति के मामलों को चिन्हित कर न्यायालय में त्वरित विचारण सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसका यह निर्णय एक उदाहरण है।
सजा पाने वाले अभियुक्तों में दाउदपुर थाना क्षेत्र के लेजुआर गांव निवासी लवकुश सिंह, गणेश सिंह और अशोक सिंह (तीनों पिता स्व. नारायण सिंह) तथा अवध सिंह (पिता स्व. परमा सिंह) शामिल हैं। सभी अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए न्यायालय ने कड़ा संदेश दिया है कि आगजनी जैसे गंभीर अपराधों में कानून किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा।
सारण पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आगे भी गंभीर कांडों में लक्ष्य निर्धारित कर त्वरित अनुसंधान और न्यायालय में प्रभावी पैरवी के माध्यम से दोषियों को सजा दिलाने का अभियान जारी रहेगा। पुलिस ने आम जनता को आश्वस्त किया है कि जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वह पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है।

