सारण: गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं का विवरण अब निक्षय पोर्टल पर, टीबी स्क्रीनिंग अभियान तेज
सारण (बिहार): सारण जिले में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की स्वास्थ्य निगरानी को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य से प्राप्त निर्देशों के बाद अब इन सभी माताओं का विवरण अनिवार्य रूप से निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, ताकि टीबी की समय पर पहचान और स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों को 1 जनवरी 2025 के बाद से पंजीकृत सभी माताओं का विवरण तत्काल दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत सीएचओ को प्रतिदिन 25 माताओं का एनरॉलमेंट करने का लक्ष्य दिया है। साथ ही प्रखंड की कुल जनसंख्या के 10 प्रतिशत हिस्से को Vulnerable Population मानते हुए एक सप्ताह के भीतर उनकी प्रविष्टि सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। ओपीडी में आने वाले 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध, डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, कुपोषित वयस्क तथा तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों की भी तत्काल स्क्रीनिंग कर उनकी जानकारी निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। सभी को Vulnerable Criteria में सूचीबद्ध किया जाएगा ताकि टीबी संक्रमण की समय पर पहचान हो सके।
सारण जिले में वर्ल्ड विजन संस्था के सहयोग से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर नियमित रूप से एक्टिव केस फाइंडिंग (ACF) कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। डीपीसी, यक्ष्मा हिमांशु कुमार ने बताया कि इन कैंपों में अल्ट्रा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन की सहायता से संभावित टीबी मरीजों की पहचान की जाती है। एक्स-रे के अतिरिक्त ब्लड शुगर, बीपी, बीएमआई और एचआईवी की जांच भी की जाती है। एआई आधारित एक्स-रे रिपोर्टिंग में किसी भी तरह की असामान्यता मिलने पर तत्काल बलगम जांच की जाती है और उसी दिन निक्षय पोर्टल पर प्रविष्टि अनिवार्य है।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद ने बताया कि जनवरी 2025 से 13 अगस्त 2025 तक कुल 17,699 व्यक्तियों का एक्स-रे कराया गया है, लेकिन सभी की निक्षय आईडी नहीं बनाई गई, जिसे विभाग ने गंभीर लापरवाही माना है। इस संबंध में सभी स्वास्थ्य संस्थानों को संस्थानवार सूची उपलब्ध करा दी गई है और निर्देश दिया गया है कि 10 दिनों के भीतर सभी प्रविष्टियाँ पूरी की जाएं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि टीबी उन्मूलन अभियान में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह सख्त निर्देश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, वृद्धों और अन्य संवेदनशील समूहों में टीबी संक्रमण का खतरा अपेक्षाकृत अधिक रहता है। ऐसे में समय पर और सटीक डेटा अपलोडिंग से स्वास्थ्य विभाग को टीबी उन्मूलन मिशन को और प्रभावी रूप से लागू करने में मदद मिलेगी।

