अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार मनोज भावुक का सम्मान, भगवत विद्यापीठ में छात्रों को दिया साहित्य सृजन का मंत्र
सारण (बिहार) संवाददाता धर्मेंद्र रस्तोगी: भगवत विद्यापीठ स्कूल में आयोजित एक विशेष समारोह में हिंदी और भोजपुरी के मूर्धन्य साहित्यकार तथा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि मनोज भावुक को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने साहित्य की विभिन्न विधाओं—कविता, कहानी, ग़ज़ल, गीत, लेख और निबंध—का परिचय कराया तथा बताया कि साहित्य मानव जीवन के संवेदनात्मक विकास में कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बच्चों को नियमित रूप से पढ़ने, लिखने और आत्म-अनुशासन के माध्यम से अपनी रचनात्मक क्षमता को मजबूत करने की प्रेरणा दी तथा भविष्य में भी मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भगवत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ. अमरेंद्र सिंह ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंचों पर जिस सशक्त, सहज और प्रभावशाली व्यक्तित्व की अनुपस्थिति से मंच खाली-खाली लगता है, वह मनोज भावुक हैं, जिन्होंने हिंदी और भोजपुरी साहित्य को विश्वस्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विभागाध्यक्ष प्रकाश सिंह और हिंदी के वरिष्ठ शिक्षक निर्भय कुमार तिवारी भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
समारोह में लायंस क्लब के प्रेसिडेंट डॉ. विकास कुमार सिंह और विद्यालय प्राचार्य ने संयुक्त रूप से मनोज भावुक को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ और क्लब का सम्मान-पट प्रदान कर अभिनंदन किया। डॉ. विकास सिंह ने उनके रचनात्मक योगदान, अंतरराष्ट्रीय पहचान और साहित्य जगत में दिए गए नवीन आयामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शहर में मनोज भावुक के सानिध्य में एक यादगार साहित्यिक कार्यक्रम की उम्मीद की जा रही है।
परिचर्चा के दौरान छात्रों ने ग़ज़ल और गीतों की प्रस्तुति का आनंद लिया तथा कई छात्र अपनी लेखन क्षमता को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित और संकल्पित दिखे। समारोह ने विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति नई ऊर्जा और समझ का संचार किया।

