जेपीयू में खगोल एवं खगोलभौतिकी पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न, छात्रों में बढ़ी वैज्ञानिक शोध रुचि
सारण (बिहार): जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग एवं इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स (IUCAA), पुणे के संयुक्त तत्वावधान में 5–6 दिसंबर 2025 को “इंट्रोडक्ट्री वर्कशॉप ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स” का सफल आयोजन हुआ। दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को खगोल विज्ञान एवं खगोलभौतिकी के शोध व उन्नत अवधारणाओं से अवगत कराना था, जिसमें प्रदेश के विभिन्न संस्थानों के 60 से अधिक छात्र-शोधार्थियों ने भाग लिया।
कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) पी. के. बाजपेयी, मुख्य अतिथि प्रो. गुलाब चंद देवांगन (IUCAA, पुणे) तथा विभागाध्यक्ष प्रो. गुणसागर यादव ने दीप प्रज्वलन कर किया। उद्घाटन सत्र का संचालन कार्यशाला की संयोजक सहायक प्राध्यापक डॉ. कविता कुमारी ने किया। स्वागत भाषण में विभागाध्यक्ष ने प्रतिभागियों व अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ छात्रों को उच्च-स्तरीय अनुसंधान की दिशा में प्रेरित करती हैं।
कुलपति प्रो. बाजपेयी ने अपने संबोधन में कहा कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय वैज्ञानिक नवाचार की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि “खगोल एवं खगोलभौतिकी जैसे उन्नत क्षेत्रों में छात्रों की भागीदारी बढ़ाना समय की आवश्यकता है। IUCAA जैसे शीर्ष संस्थानों के सहयोग से छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध अवसर उपलब्ध होंगे।” उन्होंने छात्रों एवं शिक्षकों को IUCAA की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्य अतिथि प्रो. गुलाब चंद देवांगन ने कहा कि IUCAA देशभर में वैज्ञानिक चेतना और खगोल विज्ञान के प्रति अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संस्थान समय-समय पर जेपीयू के छात्रों व शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि “बिहार के युवाओं में अपार प्रतिभा है और सही दिशा मिलने पर वे अंतरिक्ष विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।”
कार्यशाला में IUCAA के प्रोफेसर गुलाब देवांगन, पटना विश्वविद्यालय के डॉ. संजय कुमार, मगध महिला कॉलेज की डॉ. प्रीति मिश्रा, डॉ. आलोक रंजन तिवारी एवं कमला राय कॉलेज की डॉ. कविता कुमारी ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। दो दिनों तक खगोल विज्ञान, अंतरिक्षीय घटनाओं और खगोलभौतिकीय अवधारणाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
समापन सत्र में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। कार्यशाला की सफलता में भौतिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. विद्याधर सिंह, डॉ. होशियार सिंह मूंड, डॉ. आलोक रंजन तिवारी तथा शोधार्थियों एवं पीजी छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विभागाध्यक्ष ने सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

